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Thursday 9 November 2023

Celebrating scout & guide foundation day And Protecting the environment-07 Nov 2023

 A Prayavan related Programm by Sh. KK Jaiswal ji and team is scheduled 

Today from 0130pm to 2pm 

 Dr. Devdat Sharma

TGT SSKT, SOC S& G

Will be hosting the program.

Celebrating scout & guide foundation day

And 

Protecting the environment























Thursday 2 November 2023

हरियाणा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!!

जैसा कि आप सभी जानते है कि हरियाणा दिवस पूरे हरियाणा राज्य में 1 नवंबर को मनाया जाता है। हरियाणा राज्य बनने के पश्चयात प्रदेश ने कई नयी उपलब्धियां हासिल की। एक नवंबर, 1966 को पंजाब प्रांत के पुनर्गठन के बाद हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। हरियाणा एक ऐतिहासिक राज्य है, जिसका इतिहास अत्यंत समृद्धि और परंपराओं से भरपूर है। इसी उपलक्ष्य में HKCL ने एक ई-टेस्ट लांच किया है। इस ई-टेस्ट का मुख्य उद्देश्य है कि आज के युवा पीढ़ी को हरियाणा राज्य के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी हो। आप सभी से अनुरोध है कि आप इस ई-टेस्ट का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें और अपने सभी स्टूडेंट्स को दिए गए ईटेस्ट का लिंक पहुँचाने का प्रयत्न करें।  

ई-टेस्ट का लिंक :     

https://forms.gle/B6J3ryCLTtLkHSo76

इस ई-टेस्ट में स्टूडेंट्स को हरियाणा में हुये सराहनीय कार्य एवं उपलब्धियों से संबधित कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए है, स्टूडेंट इस ई-टेस्ट को अटेम्प करने के उपरांत उनके ईमेल पर सहभागिता प्रमाण पत्र (Participation Certificate) भी प्राप्त होगा।  

अतः आप सभी से निवेदन है कि इस ई-टेस्ट को ज्यादा से ज्यादा लर्नर्स तक पहुचायें, इसके लिए, इस अवसर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए हरियाणा दिवस से सम्बन्ध कुछ पोस्टर भी तैयार किये गए है, आप अपने सोशल मीडिया चैनल के माध्यम से इन पोस्टर को लर्नर्स तक पहुँचा सकते हो और अपने केंद्र और कोर्स के बारे में भी उन सभी को अवगत कर सकते हो। 

धन्यवाद।  

हरियाणा नॉलेज कारपोरेशन लिमिटेड

ई-टेस्ट का लिंक :








Tuesday 31 October 2023

EKTA DIVAS

 आज विद्यालय में प्राचार्य महोदया शिक्षक और सभी विद्यार्थियों ने

 सरदार पटेल को भावपूर्ण श्रधान्जली अर्पित करते हुए उनके कार्यों को याद किया 

सरदार वल्लभ भाई पटेल 1875 – 1950

Read- Listen to his Brief Biopic

वल्लभभाई झावेरभाई पटेल (३१ अक्टूबर १८७५ – १५ दिसम्बर १९५०), जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है "प्रमुख"। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।[1]

पटेल का जन्म नडियादगुजरात में एक लेवा पटेल(पाटीदार)[2] जाति में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।  FOR MORE CLICK HERE

562 रियासतों का एकीकरण करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में उनके ननिहाल में हुआ. वे खेड़ा जिले के कारमसद में रहने वाले झावेर भाई पटेल की चौथी संतान थे. उनकी माता का नाम लाडबा पटेल था. उन्होंने प्राइमरी शिक्षा कारमसद में ही प्राप्त की. बचपन से ही उनके परिवार ने उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया.1893 में 16 साल की आयु में ही उनका विवाह झावेरबा के साथ कर दिया गया था. उन्होंने अपने विवाह को अपनी पढ़ाई के रास्ते में नहीं आने दिया. 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. 1900 में ज़िला अधिवक्ता की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, जिससे उन्हें वकालत करने की अनुमति मिली. गोधरा में वकालत की प्रेक्टिस शुरू कर दी. जहाँ इन्होने प्लेग की महामारी से पीड़ित कोर्ट ऑफिशियल की बहुत सेवा की.1902 में इन्होने वकालत काम बोरसद सिफ्ट कर लिया, क्रिमिनल लॉयर रूप नाम कमाया. अपनी वकालत के दौरान उन्होंने कई बार ऐसे केस लड़े जिसे दूसरे निरस और हारा हुए मानते थे. उनकी प्रभावशाली वकालत का ही कमाल था कि उनकी प्रसिद्धी दिनों-दिन बढ़ती चली गई. गम्भीर और शालीन पटेल अपने उच्चस्तरीय तौर-तरीक़ों लिए भी जाने जाते थे. यंही उनके पुत्री मणिबेन का 1904 व पुत्र दह्या का 1905 में जन्म हुआ. बेरिस्टर कोर्स करने के लिए पैसों की बचत करली थी परन्तु बड़े भाई विठलभाई की इच्छा पूरी करने के लिए उनहोंने खुद न जाकर 1905 में उन्हें इग्लैंड भेज दिया.सरदार पटेल अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी, समर्पण व हिम्मत से साथ पूरा करते थे.उनके इस गुण का दर्शन हमें सन् 1909 की इस घटना से होते है.वे कोर्ट में केस लड़ रहे थे, उस समय उन्हें अपनी पत्नी की मृत्यु (11 जनवरी 1909) का तार मिला. पढ़कर उन्होंने इस प्रकार पत्र को अपनी जेब में रख लिया जैसे कुछ हुआ ही नहीं. दो घंटे तक बहस कर उन्होंने वह केस जीत लिया.बहस पूर्ण हो जाने के बाद न्यायाधीश व अन्य लोगों को जब यह खबर मिली कि सरदार पटेल की पत्नी का निधन हुआ गया.तब उन्होंने सरदार से इस बारे में पूछा तो सरदार ने कहा कि “उस समय मैं अपना फर्ज निभा रहा था, जिसका शुल्क मेरे मुवक्किल ने न्याय के लिए मुझे दिया था. मैं उसके साथ अन्याय कैसे कर सकता था.” ऐसी कर्तव्यपरायणता और शेर जैसे कलेजे की मिशाल इतिहास में विरले ही मिलती है.







Yoga Session  

How books are printed

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for more on HOW ?


Wednesday 18 October 2023

DC Sir Visits School

 



















 Mr.  Varun Mitra 
DC  KVS RO GGN
Visits the School
And 
interacts with
Staff members &
Class X & XII Students .