Search This Blog

MY DEAR STUDENTS AND TEACHERS - THIS BLOG IS A DIGITAL GIFT TO YOU ALL -SO LEARN LIFE SKILLS. IMPROVE READING, WRITING, LISTENING & SPEAKING SKILLS, WORK ON SCIENCE OR/AND SOCIAL SCIENCE PROJECTS. GIVE COMMENTS BY CLICKING - NO COMMENTS- BUTTON. USE SEARCH WINDOW FOR FASTER RESULTS. TALK TO YOUR LIBRARIAN ON ANY TOPIC, ANY TIME ANYWHERE: Mob: 8901549120."If you can't go out, go within." "Work on your intrapersonal communication to master your interpersonal communication" Gratitude and blessings are key to success of hard work

Friday 29 September 2023

KV BHANU STUDENTS VISIT IISER MOHALI FOUNDATION DAY 27 SEP 2023















PTM

 


एकल परिवार और बच्चों की पढ़ाई

आजकल बच्चों में पढ़ाई के प्रति जितनी अरुचि है, उस से ज्यादा रूचि केवल आधुनिकवाद का उपभोक्ता बन कर एक परजीवी सा जीवन यापन करने की भी है.

इसका खामियाजा न् केवल बच्चे भुगत रहे हैं बल्कि समाज के बड़े लोग भी,  बढ़ते वृद्धाश्रम, नाशमुक्ति केंद्र इसका उदहारण हैं.

कारण:

1.एक या दो बच्चे

2. Peer group की कमी

3. माता पिता की पैसे के लिए अंधी दौड़.

4. बच्चे के लिए समय का आभाव.

5 उसको पूरा करने के लिए अस्थाई विकल्प जैसे टीवी मोबाइल आया क्रेच  आदि.

6. दादा दादी रिश्तेदारों से दूरी और पति पत्नी दोनों का रोजगार.

7. बच्चों के आपसी झगड़े मे बड़ों की ईगो और फिर सुलह की बजाय avoid करने की प्रवर्ती.

8 उपरोक्त कारणों से बच्चों में जीवन कौशल (life skills) और  समस्या समाधान परीकल्पना ( PROBLEM SOLVING APTITUDE) या PSA की कमी या उत्थान न् होना.

9. परिवारों और नई पीढ़ी में वैल्यू सिस्टम को तुच्छ और उपभोक्तावाद (fashion and fast foods/ motors ) को सफलता का पैमाना मानना.....

10. कई बहनो के बाद एक भाई  या कई भाइयों मे एक बहन या सिंगल चाइल्ड लड़का या लड़की.....(और भी कई कारण हैं...............और, हो भी सकते हैं ...)

 आप अपना कारण भी जोड़ सकते या कमेंट मे बता सकते हैं..

निवारण:


ऐसे मे पढ़ाई का ध्यान कैसे और कौन रखेगा.....जबकि बच्चा अधिकतर समय घर पर ही है....और मोबाइल की तरफ प्रेरित होता हो और उसे मोबाइल  सुलभ भी है . ऐसे में आप आपने बच्चे से  प्यार से दिन मे कम से कम.......

1. एक बार साथ बैठ कर खाना ज़रूर खाएं और उस वक़्त मोबाइल टीवी नहीं.... परिवार, सकारात्मक बातचीत ताकि सबको एकदूसरे की सारी जानकारी हो....

2. दिन मे दो बार उसकी ज़रूरत के सामान का पूछे और देखें / परखें की वह क्या कर रहा है.कहीं मोबाइल ही मोबाइल या खेल ही खेल, पढ़ाई ही पढ़ाई तो नहीं जिसमे सारा समय वय्तित हो रहा है 

3. तीन बार ये ज़रूर पूछे

i) सुबह स्कूल जाते वक़्त:  क्या अपने अपना बैग टिफ़िन बुक्स नोटबुक पेंसिल पेन आदि time table के हिसाब से लगा लिया है.... "इस पर कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए".

ii) स्कूल से आने पर की आज  स्कूल मे क्या क्या हुआ.... सुबह घर छोड़ने या प्रेयर से ले कर आखिरी पीरियड या घर पहुँचने तक उस से सारा सुनिए रोज 5 मिनट ही लगते हैं.... "देखिये वह क्या अधिक और क्या कम बताता है"....

iii) रात मे सोने से पहले :क्या स्कूल का सारा काम पूरा किया? यदि नहीं तो क्यूँ? क्या उसे  बिना मोबइल के अतिरिक्त पढाई की आवश्कता या की ज़रुरत तो नहीं, 

बस! ये तीन काम,

एक बार  साथ  खाना , दो बार निगरानी हाल चाल, तीन बार स्कूल की बात / रिपोर्ट.

यदि माता पिता इतना भी नहीं कर सकते तो उन्हें परिणाम के लिए तैयार रहना होगा.

यदि आप चाहते हैं की आपका बच्चा सफल  जीवन पाए तो उसको ये १२ आदतें ज़रूर सिखने को कहें .



स्वं का आंकलन करने के लिए विद्यार्थी को उपरोक्त जैसा अपना प्रोग्रेस कार्ड खुद ही बनाना चाहिए.
परीक्षा मे अंक प्राप्त करना भी जरूरी है
जिसके लिए सारी स्कूल व्यवस्था बनाई गई है परन्तु 
यदि एक विद्यार्थी की "पढ़ने-लिखने बोलने-सुनने" की क्षमताओं का 
उचित विकास हो रहा है तो उसके अंक इसे दर्शाते भी हैं.
और बच्चा सफल जीवन जीने का अधिकारी भी बनता है....
अतः 
कक्षा अध्यापक से माता पिता
यह बात जरूर करें की बच्चे की 
  • पढ़ने
  • लिखने
  • बोलने
  • सुनने
  • ......
  • के साथ साथ
  • .......
  • जीवन कौशल
  • PSA
  • अनुशासन्
  • कर्तग्यता
 जैसी क्षमताओं को कैसे बढ़ाया या बेहतर किया जा सकता है.

आजकल ऐसा भी देखने मे आ रहा है की कक्षा v-vi से ऊपर का विद्यार्थी भी अपनी
वर्दी जूते पोलिश बेल्ट हेयर कट बैग पुस्तक अभ्यास पुस्तिका टाईमटेबल house ड्रेस होमवर्क क्लास वर्क प्री -रीडिंग पोस्ट रीडिंग डाउट पूछना स्वं के नोट्स बनाना ...... आदि
जो पढ़ाई और विद्यार्थी के अति आवश्यक अंग और कर्तव्य हैं उन्ही के प्रति लापरवाह हैं.
माता-पिता इस विषय को पैसे / प्यार से जोड़ कर देखना शुरू कर देते हैं और आँखें बंध कर लेते हैं,
(क्या आपका बच्चा यूनिफार्म पहनने के बाद स्मार्ट, गौरवान्वित, उत्साहित....लगता है )
यदि नहीं तो सोचिये!
वही प्राइवेट schools में तो हर साल वर्दी और बुक्स आदि सब की मोटी रकम उनसे वसूली जाती है तो बच्चे से इतना पूछते रहते है की वो दबाव महशुस करता है...
(कोटा स्टोरी)

माता पिता  शिक्षक और विद्यार्थी
अकेले कुछ नहीं कर सकते
मिल जायें तो क्या नहीं
कर सकते!
सोचिये!


Monday 25 September 2023

Ek Tareekh- Ek Ghanta -Ek Sath



PRINCIPAL AND STAFF 

 KV ITBP BHANU 

INVITES 

ALL THE STUDENTS OF 

CLASSSS VI TO XII

RESIDING IN 

BTC & 50 BTN OF ITBP  

AND 

ALSO STUDENTS RESIDING IN / AROUND

BHANU AND BILLA  VILLAGES

WITH THEIR PARENTS

(Entry with parents only)

ON 

01-10-2023

Sunday 

AT

0945.AM. 

FOR 

Ek Tareekh-

Ek Ghanta

Ek Sath.

01.10.2023

1000am to 1100am 

Official Hashtag:

 #SwachhBharat ,

 #SwachhataHiSeva 

Official Handles to be tagged:

 @SwachhBharatGov, @swachhbharat

Schedule of programme

0945..AM.. Arrival of staff

0950..Arrival & Assembly of Students & Parents

0955..Welcome & Briefing By Swachhta i/c

1000..Principal Address

1005.. Team formation & area allocation.

1005..1105 Swachta Drive

1110..Reassemble at reception 

1110..Rewards to swasth mitrs and Vote of Thanks. .

1115.. Refreshment Departure

Dress Code:

Students -House Dress.

Teachers -Parents - Sports wear n Gear.










Team / Area Notified for ek tarikh ek ghanta.

6 Areas-6 Teams of 15 Participants each
(4-5 Teacher+10-11 Students.)

Team 1. Parking Area Gate 1 
Team 2. Parking Area Gate 2
Team 3. Boundary wall between Gate 1 & 2 outer side.
Team 4. Boundary wall between Gate 1 &2 inner side.
Team 5. Staff Quarters.
Team 6.Road between Vill. Banu & School/Gurudwara.

Equipment's each team must have
1. Mask n Gloves. Sunena 
2. Broomsticks n dustbins. Sunena 
3. Banners n slogans. Rama 
4. Swachhta song. Sagar 
5.Cutting,Loading, Collection Disposal Decoration, Plants
Hrender Anil Seema.
6. Mob. & Photography.
One team member + Comp Inst.
































केन्द्रीय विद्यालय भानू में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आज शुभारम्भ

 दिनांक 1 अक्टूबर 2023 को के.वि.भा.ति.सी.पु.भानू में ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम का  आयोजन किया गया| इसके अंतर्गत विद्यालय के 30 विद्यार्थियों व  25 कर्मचारियों ने श्रमदान में भाग लिया| इस अवसर पर प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भा.ति.सी.पु. भानू से उप कमांडेट श्री संजय कुमार जी ने अपने पचास जवानों की टीम के साथ विद्यालय प्रांगण में स्वच्छता के इस अभियान में योगदान दिया| इस कार्यक्रम के द्वारा विद्यालय में सामूहिक स्वच्छता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों, अभिभावकों, और अध्यापकों की भागीदारी जुटाई गई। स्वच्छता ही सेवा-2023 को विद्यालय की प्राचार्या महोदया श्रीमती मोनिका जी की उपस्थिति में आरम्भ किया गया व साथ ही उपस्थित सभी जन ने  स्वच्छता शपथ ली। इस आयोजन के दौरान सभी ने अपने-अपने आबंटित क्षेत्र में स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों को पूर्ण किया। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग से लगती विद्यालय की चारदीवारी के आसपास भी लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक सफाई अभियान चलाया गया| इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री ए.पी.एस. निम्बाडिया, महानिरीक्षक प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भा.ति.सी.पु. भानू, मनोनीत अध्यक्ष श्री टेकचंद जी व जी.एस. गिल, उपमहानिरीक्षक,प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भा.ति.सी.पु. भानू द्वारा विद्यालय के सभी सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया|

कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता ही सेवा-2023  के बारे में बात करते हुए कें. वि. भानू की प्राचार्या श्रीमती मोनिका जी ने कहा कि 'स्वच्छता ही सेवा' 2023 का शुभारंभ उत्सव का पल है। अब समय आ गया है कि हम अपने शहरों को साफ-सुथरा रखने के लक्ष्य के प्रति फिर से प्रतिबद्ध हों, स्वच्छता के लिए खुद को समर्पित करें और  स्वच्छता के लिए अपने श्रमदान (स्वैच्छिक श्रम) का योगदान करने का संकल्प करें ।