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MY DEAR STUDENTS AND TEACHERS - THIS BLOG IS A DIGITAL GIFT TO YOU ALL -SO LEARN LIFE SKILLS. IMPROVE READING, WRITING, LISTENING & SPEAKING SKILLS, WORK ON SCIENCE OR/AND SOCIAL SCIENCE PROJECTS. GIVE COMMENTS BY CLICKING - NO COMMENTS- BUTTON. USE SEARCH WINDOW FOR FASTER RESULTS. TALK TO YOUR LIBRARIAN ON ANY TOPIC, ANY TIME ANYWHERE: Mob: 8901549120."If you can't go out, go within." "Work on your intrapersonal communication to master your interpersonal communication" Gratitude and blessings are key to success of hard work

Saturday 30 March 2019

PUSTAKOUPHAR-2019-20

ON 02 APRIL 2019
AFTER
MORNING ASSEMBLY .

BRING 
YOUR USED 
NEAT, CLEAN, TIDY, 
BOUND  / COVERED BOOKS 
AND GIFT TO A STUDENT.

GET YOUR NAME RECORDED 
WITH  YOUR 
CLASS TEACHER.

IF YOU DO NOT FIND A TAKER
DEPOSIT 
THEM IN THE GREEN BOOK BANK. 

ALSO 
IF YOU DID NOT GET A GIFT 
(OF  BOOKS) 
GET THEM FROM GREEN BOOK BANK. 
( LIBRARY) 
AND 
GET YOUR NAME RECORDED 
WITH YOUR CLASS TEACHER.


PUSTOUPHAR STATISTICS AS ON -06-03-2019

  1. No of students participated-272.
  2. No of books exchanged-989.
  3. No of books deposited in green bank- 169 by  40 students 
  4. No of books taken from green bank-   136 by 48  students




     

WELCOME


TO 
NEW SESSION
2019-20
WITH 
NEW ENERGY
COMMITMENTS 

Saturday 23 March 2019

शहीद दिवस-23 मार्च


(अंग्रेज़ीMartyrs' Dayभारत में 23 मार्च को मनाया जाता है। 23 मार्च, 1931 की मध्यरात्रि को अंग्रेज़ हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों-भगतसिंहसुखदेव और राजगुरु को फाँसी पर लटका दिया था। शहीद दिवस के रूप में जाना जाने वाला यह दिन यूं तो भारतीय इतिहास के लिए काला दिन माना जाता है, पर स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को देश की वेदी पर चढ़ाने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं। इन तीनों वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए ही शहीद दिवस मनाया जाता है। जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की याद में भी शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी को सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘शहीद दिवस’ मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

इतिहास

भारत एक महान् देश है। यहां का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यह देश अपने अंदर ऐसी कई संस्कृतियां समेटे हुए है, जिसने इसे विश्व की सबसे समृद्धसंस्कृति वाला देश बनाया है। यह देश उन वीरों की कर्मभूमि भी रही है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बिना इस देश के लिए कार्य किए हैं। अपने वतन के लिए प्राणों की बलि देने से भी हमारे वीर कभी पीछे नहीं हटे। देश को स्वतंत्र कराने के लिए देश के वीरों ने अपनी जान की आहुति तक दी। आज़ादी के बाद भी हमारे वीर सैनिकों ने सीमाओं पर हमारी हिफाजत के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगाया। अदालती आदेश के मुताबिक भगतसिंहराजगुरु और सुखदेवको 24 मार्च1931 को फाँसी लगाई जानी थी, सुबह क़रीब 8 बजे। लेकिन 23 मार्च, 1931 को ही इन तीनों को देर शाम क़रीब सात बजे फाँसी लगा दी गई और शव रिश्तेदारों को न देकर रातों रात ले जाकर सतलुज नदी के किनारे जला दिए गए।
SOURCE-http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%A6_%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8

Monday 11 March 2019

Presentations and Research

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