LIBRARY-PMSHRI KV-ITBP-BHANU-PKL: पुस्तकोपहार -2023
27 March 2024
AFTER RESULT CARD
& AGAIN ON 01 -07 APRIL 2024.
AFTER MORNING ASSEMBLY.
1. BRING
YOUR USED
NEAT, CLEAN, TIDY,
BOUND / COVERED BOOKS ONLY
AND GIFT TO A STUDENT.
PLEASE DO NOT GIFT
WORKBOOKS/ MALTILATAED / DIRTY / TORNOUT BOOKS
TO ANYONE.
2. GET YOUR NAME RECORDED
WITH YOUR
CLASS TEACHER.
3. IF YOU DO NOT FIND A TAKER
DEPOSIT
IN THE LIBRARY GREEN BOOK BANK.
ALSO
4. IF YOU ARE LOOKING FOR A GIFT
(OF BOOKS)
GET IT FROM A STUDENT OF HIGHER CLASS
OR
LIBRARY GREEN BOOK BANK.
AND
GET YOUR NAME RECORDED
WITH YOUR TEACHER.
PUSTOUPHAR STATISTICS AS ON -2024
- No of students participated-88
- No of books exchanged-415
- No of books deposited in the green bank-269
- By 48 students.
- No of books taken from the green bank-
- 146 by 38 students.
🙏 ✍️🎁📚📚📚📚📚📚
जहाँ एक और पुस्तकोपहार के पर्यवाराण सम्बंधी अनेक फायदे गिनाये जा सकते हैं वही यह नहीं हो सकता की इसके कोई 'साइड इफेक्ट्स' ना हों......
1) प्राथमिक कक्षाओं मे NCERT की सभी अभ्यास पुस्तिकाएं हैं और विद्यार्थी उन्ही मे लिखते भी हैं, अब ये सही या गलत भरी हुई अभ्यास पुस्तिकाएँ, नये विधार्थी के पास जाती हैं तो वो सही जवाब बिना मेहनत के प्राप्त करता है और गलत जवाब लिखें होने पर गलत को ही सही मान कर उस गलत को सीखता है....
2) कक्षा vi से xii तक भी, ऊपर बताई तो लागू होती ही है साथ ही ये पुस्तकें कई साल तक इस्तेमाल हो जाने के कारण बच्चे मे एक उत्साह और उन्हें पुस्तक से बाँध कर रखने मे असमर्थ सी प्रतीत होने. लगती हैं....
3) CEA के लाभार्थी बच्चे और अभिभावक भी इसमें केवल पुस्तक प्राप्त करने की आशा रखते हैं इसलिए अच्छी पुस्तकों का आभाव रहता है... जबकी वो समर्थ हैं और साल समाप्ति पर इन्ही cEA वाले बच्चों की अच्छी अच्छी पुस्तकें nonCEA वाले बच्चों को मिलें तो अच्छा हो...
4. बच्चों को पुस्तकोपहार मे साफसुथरी, बिना निशान या ink लगी और सुन्दर कवर चढ़ा कर पुस्तक उपहार मे देने के. लिए लानी चाहिए..
5. हो सकता है इस प्रकार हम पुस्तकोउपहार का 100 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त न करें परन्तु 50 % भी अच्छा लक्ष्य है... जहाँ पर्यावरण की रक्षा का पाठ और पढ़ाई की गुणवत्ता, दोनों मे बैलेंस बना कर चलना उतम रास्ता हो सकता है.....
धन्यवाद! 🙏📚📚💐📚👍📚
1 comment:
Ok sir
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