विश्व विख्यात साइक्लिस्ट रेवाड़ी निवासी महेश कुमार आगामी 19 मार्च से दिल्ली से मुंबई तक 1500 किलोमीटर की दौड़ पूरी करेंगे। अंगदान के लिए आमजन को जागरुक करने, सैनिकों के सम्मान तथा पर्यावरण संरक्षण के संदेश को लेकर आयोजित होने वाली यह दौड़ करीब एक माह में पूरी होगी।
स्थानीय गढ़ी बोलनी रोड़ स्थित पीडब्ल्युडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए साइक्लिस्ट महेश कुमार ने कहा कि आगामी 19 मार्च को वे दिल्ली से मुंबई तक की 1500 किलोमीटर की दौड़ प्रारंभ करेंगे। दिल्ली के इंडिया गेट से प्रात: साढे सात बजे प्रारंभ होने वाली यह दौड़ रेवाड़ी, जयपुर, उदयपुर, अहमदादाबद, वडोदरा, सूरत, वलसाड, मनोर, वोरोवाली इंस्ट से होते हुए गेट वे ऑफ इंडिया पर संपन्न होगी। 1500 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान प्रतिदिन करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके चलते करीब एक माह या 35 दिन के भीतर इस यात्रा को पूरा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान करीब 50 से 60 युनिवर्सिटियों के साथ-साथ बीएसएफ एवं सेना मुख्यालयों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। क्योंकि व्यक्ति का जीवन समाप्त होने के उपरांत सात अंगों को दूसरे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसके लिए आमजन को जागरुक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब ऑफ रेवाड़ी सिटी, रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली मंथन डिस्ट्रिक 3011 के साथ-साथ टीम जैड के सहयोग से आयोजित हो रही यह मैराथन 21 मार्च को रेवाड़ी पहुंचेगी। जहां दिल्ली रोड़ स्थित रेजांगला शौर्य स्मारक सहित अनेकों देशभक्तों व सेनानियों को नमन करते हुए आगे बढ़ा जाएगा।
साइक्लिस्ट महेश कुमार ने बताया कि इस दौड़ का मुख्य उद्देश्य आमजन को अंगदान के लिए जागरुक करना, देश के वीर सेनानियों का सम्मान करना तथा दौड़ के उपरांत वापस पहुंचने पर सहयोगी वाहन के चलते होने वाले प्रदूषण की भरपाई करने के लिए जिला वन अधिकारी की देखरेख में पांच सौ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जागरुक किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में देश को गौरवान्वित करने वाले देश के हीरों को यह आयोनज समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि वे अपने अगले मिशन भारत से न्यूजीलैंड तक की साइकिल यात्रा को लेकर काफी उत्साहित है तथा संभवत: 15 अगस्त से इस यात्रा को शुरु कर दिया जाएगा। इस मौके पर महेश कुमार के पिता ओमप्रकाश, रोटरी क्लब के प्रधान अरुण गुप्ता, योगेश कुमार समेत अनेक सहयोगी मौजूद रहे।