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Sunday, 21 December 2025

गुनाहों का देवता : धर्मवीर भारती उपन्यास : सारांश

धर्मवीर भारती का उपन्यास गुनाहों का देवता हिंदी साहित्य की अमर कृति है, जो प्रेम, त्याग और सामाजिक बंधनों के बीच मानवीय संघर्ष को गहराई से प्रस्तुत करता है। यह उपन्यास 1949 में प्रकाशित हुआ और आज भी युवाओं के मन को झकझोरता है।

कहानी का केंद्र चंदर है, जो एक आदर्शवादी, संवेदनशील और भावुक युवक है। वह अपने गुरु डॉ. शुक्ला की बेटी सुधा से गहरा प्रेम करता है। सुधा भी चंदर को चाहती है, लेकिन दोनों का प्रेम सामाजिक परंपराओं और पारिवारिक दबावों के कारण खुलकर सामने नहीं आ पाता। चंदर अपने गुरु के प्रति सम्मान और सामाजिक मर्यादाओं के कारण सुधा को पाने की इच्छा दबा देता है।

सुधा का विवाह किसी और से हो जाता है। यह घटना चंदर को भीतर से तोड़ देती है, परंतु वह अपने आदर्शों और समाज की अपेक्षाओं को निभाने में विश्वास रखता है। सुधा विवाह के बाद भी चंदर के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ी रहती है, लेकिन दोनों का मिलन कभी संभव नहीं हो पाता। इस असंभव प्रेम की पीड़ा ही उपन्यास का मूल है।

लेखक ने चंदर के माध्यम से दिखाया है कि सच्चा प्रेम केवल पाने में नहीं, बल्कि त्याग में भी होता है। चंदर का त्याग उसे "गुनाहों का देवता" बना देता है—एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी इच्छाओं को दबाकर दूसरों की खुशी के लिए जीता है। सुधा का चरित्र भी उतना ही गहन है; वह प्रेम करती है, परंतु सामाजिक बंधनों के कारण अपने दिल की आवाज़ को दबा देती है।

उपन्यास में प्रेम की गहराई, त्याग की पीड़ा और समाज की कठोरता का मार्मिक चित्रण है। भारती ने यह भी दिखाया है कि आदर्श और वास्तविकता का टकराव व्यक्ति को किस तरह भीतर से तोड़ देता है। चंदर का जीवन इस संघर्ष का प्रतीक है—जहाँ वह अपने प्रेम को त्यागकर समाज की अपेक्षाओं को निभाता है, लेकिन भीतर से हमेशा अधूरा रहता है।

यह उपन्यास युवाओं के आंतरिक द्वंद्व, प्रेम और आदर्शों का संघर्ष, तथा सामाजिक दबावों की गहरी पड़ताल करता है। इसमें यह संदेश निहित है कि प्रेम केवल व्यक्तिगत भावना नहीं, बल्कि सामाजिक संरचना से भी गहराई से जुड़ा होता है।

अंततः गुनाहों का देवता हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या समाज के नियम व्यक्तिगत भावनाओं से अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह उपन्यास प्रेम और त्याग की ऐसी गाथा है, जो पाठकों के हृदय में स्थायी छाप छोड़ती है।                   

                                                   

कथा का मूल आधार कहानी का केंद्र चंदर है, जो एक आदर्शवादी, संवेदनशील और भावुक युवक है। वह अपने गुरु डॉ. शुक्ला की बेटी सुधा से गहरा प्रेम करता है। सुधा भी चंदर को चाहती है, लेकिन दोनों का प्रेम सामाजिक परंपराओं और पारिवारिक दबावों के कारण खुलकर सामने नहीं आ पाता। चंदर अपने गुरु के प्रति सम्मान और सामाजिक मर्यादाओं के कारण सुधा को पाने की इच्छा दबा देता है।

सुधा का विवाह किसी और से हो जाता है। यह घटना चंदर को भीतर से तोड़ देती है, परंतु वह अपने आदर्शों और समाज की अपेक्षाओं को निभाने में विश्वास रखता है। सुधा विवाह के बाद भी चंदर के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ी रहती है, लेकिन दोनों का मिलन कभी संभव नहीं हो पाता।

प्रमुख पात्र चंदर: आदर्शवादी युवक, जो प्रेम करता है लेकिन त्याग को सर्वोच्च मानता है।

सुधा: डॉ. शुक्ला की बेटी, चंदर से प्रेम करती है पर सामाजिक दबावों के कारण अपने दिल की आवाज़ दबा देती है।

डॉ. शुक्ला: सुधा के पिता और चंदर के गुरु, जिनके प्रति चंदर का सम्मान उसे अपने प्रेम को त्यागने पर मजबूर करता है।

पम्मी: सुधा की सहेली, जो आधुनिक विचारों की प्रतीक है और चंदर को अलग दृष्टिकोण देती है।

बिनता: एक अन्य पात्र, जो चंदर के जीवन में अलग भावनात्मक आयाम जोड़ती है।

प्रेम और त्याग का संघर्ष चंदर और सुधा का प्रेम अत्यंत गहरा है, लेकिन यह प्रेम सामाजिक बंधनों और आदर्शों की दीवार से टकरा जाता है। चंदर अपने गुरु के प्रति सम्मान और समाज की मर्यादाओं को निभाने के लिए सुधा को त्याग देता है। यह त्याग उसे भीतर से तोड़ देता है, परंतु वह अपने आदर्शों को सर्वोच्च मानता है।

सुधा भी चंदर को चाहती है, लेकिन वह अपने परिवार और समाज की अपेक्षाओं को निभाने के लिए विवाह कर लेती है। विवाह के बाद भी उसका मन चंदर से जुड़ा रहता है, परंतु दोनों का मिलन कभी संभव नहीं हो पाता।

उपन्यास की विशेषताएँ प्रेम की गहराई: लेखक ने प्रेम को केवल पाने की इच्छा नहीं, बल्कि त्याग की पीड़ा के रूप में भी प्रस्तुत किया है।

त्याग का आदर्श: चंदर का त्याग उसे "गुनाहों का देवता" बना देता है—एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी इच्छाओं को दबाकर दूसरों की खुशी के लिए जीता है।

सामाजिक बंधन: उपन्यास में दिखाया गया है कि समाज की कठोरता व्यक्ति की व्यक्तिगत भावनाओं को कैसे दबा देती है।

युवाओं का द्वंद्व: यह उपन्यास युवाओं के आंतरिक संघर्ष और आदर्शों व वास्तविकता के टकराव को गहराई से चित्रित करता है।

भाषा और शैली: भारती की भाषा सरल, भावनात्मक और प्रभावशाली है, जो पाठकों को सीधे हृदय से जोड़ती है।

संदेश और प्रभाव गुनाहों का देवता यह संदेश देता है कि सच्चा प्रेम केवल पाने में नहीं, बल्कि त्याग में भी होता है। चंदर का जीवन इस संघर्ष का प्रतीक है—जहाँ वह अपने प्रेम को त्यागकर समाज की अपेक्षाओं को निभाता है, लेकिन भीतर से हमेशा अधूरा रहता है।

यह उपन्यास युवाओं को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या समाज के नियम व्यक्तिगत भावनाओं से अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह प्रेम और त्याग की ऐसी गाथा है, जो पाठकों के हृदय में स्थायी छाप छोड़ती है।

निष्कर्ष धर्मवीर भारती का गुनाहों का देवता केवल एक प्रेमकथा नहीं है, बल्कि यह आदर्श और वास्तविकता के टकराव की गाथा है। इसमें प्रेम की गहराई, त्याग की पीड़ा और समाज की कठोरता का मार्मिक चित्रण है। यह उपन्यास आज भी युवाओं के लिए उतना ही प्रासंगिक है जितना इसके प्रकाशन के समय था।


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PANCHKULA -SWADWSHI MELA -19-28 DEC 2025

मेले के विशेष कार्यक्रम — हर दिन कुछ खास

19 दिसंबर, शाम 4 बजे — मेले का भव्य उद्घाटन
20 दिसंबर — योग शिविर एवं पंजाबी झंकार
21 दिसंबर — निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, स्वदेशी संकल्प महायज्ञ, “नारी तू नारायणी” कार्यक्रम
22 दिसंबर — “रामानुजन दिवस”, शाम को “एक शाम वीरांगनाओं के नाम”
23 दिसंबर — किसान सम्मेलन एवं सामूहिक हनुमान चालीसा
25 दिसंबर — रक्तदान शिविर, तुलसी पूजन, “एक शाम अटल जी के नाम” कवि सम्मेलन
26 दिसंबर — वीर बाल दिवस विशेष कार्यक्रम
बताया कि प्रतिदिन सुबह और शाम भारत माता की विशेष आरती मेले का मुख्य आकर्षण रहेगी।
सैकड़ों आकर्षण—संस्कृति, कला, उद्यमिता और मनोरंजन का संगम.

 

  

  

  

  

  

  

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Thursday, 18 December 2025

Training Schedule for Educators at school level & LDE 2025 SYLLABUS

CPD: KV OCF 29 CHD: 

Training Schedule for Educators at the school level 2025. 

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ON THE LEFT SIDE COLUMN OF THE BLOG.

SR NOTOPICDATE
NAME OF TEACHER/RESOURCE PERSON
1USE OF TECHNOLOGY IN TEACHING19.09.2025
  RAVINDER KUMAR, VP

2EFFECTIVE CLASS MANAGEMENT23.09.2025
  MS SHWETA, TGT MATHS

3DEVELOPING POSITIVE WORK ETHICS AND WORK CULTURE

26.09.2025   MS VANDANA, TGT MATHS
4SPORTS AND ART INTEGRATED TEACHING15.10.2025

  MR NEERAJ, TGT PET; MS CHANDRALEKHA, TGT AE

5AI TOOLS IN TEACHING31.10.2025

  MS ANU RANI, PGT CS;
MR RATAN, PRT

6COMPETENCY BASED ASSESSMENT04.11.2025
  MS JATINDER KAUR, PGT CHEMISTRY
7EFFECTIVE TEACHING AND LEARNING PROCESS IN LANGUAGES

11.11.2025  MS REENA, TGT ENGLISH
8EFFECTIVE TEACHING METHODOLOGY IN SCIENCE

25.11.2025  MS HARWINDER, TGT SCIENCE
9AI TOOLS/EQUIPMENT FOR EFFECTIVE MATHEMATICS TEACHING

04.12.2025  MS MEENU, PGT MATHS
10INCULCATION OF MORAL VALUES AMONG STUDENTS19.12.2025
  MS MAHESH, PGT ENGLISH;
MS FARZANA, TGT SOST




6-Week Library Activity Schedule for Students

MAKERS SPACE ACTIVITIES 

 Week 1: Library Orientation & Book Basics

·                  Tour of the library and introduction to library rules

·                  Understanding parts of a book

·                  How to read a book effectively

·                  Start Student Library Log Book entries

·                  Activity: Make a bookmark

Week 2: Print Media Exploration

·                  Learn parts of a magazine and a newspaper

·                  Difference between book vs magazine vs newspaper

·                  Format for book and magazine reviews

·                  Activity: Write a book review and create a magazine review collage

Week 3: Storytelling & Creative Writing

·                  Introduce Suno Kahani – Buni Kahani (listen and create stories)

·                  Explore Kahani Patr and Bano Patr – Kaho Shastr (Chanakya)

·                  Activity: Write your own story letter or wisdom note

·                  Display student work on a story wall

Week 4: Digital Literacy Week

·                  Introduction to digital resources: e-books, e-magazines, e-newspapers

·                  Explore types of e-books and digital library tools

·                  Demo: Eg 4.0 mobile app and OPAC search

·                  Activity: Compare book vs e-book in a chart

Week 5: Hands-on Publishing Projects

·                  How to make a book jacket and bind a book

·                  Create a table calendar with literary quotes

·                  Activity: Make a class magazine with student articles and poems

Week 6: School News & Digital Showcase

·                  How to make a school newspaper

·                  Explore blogs and YouTube for book trailers and storytelling

·                  Activity: Publish a student blog post or record a book talk video

·                  Celebrate with a Library Exhibition Day

Educational Visit to Ordnance Cable Factory, Chandigarh-Bagless Days Program



Date: 17-12-2025

Under the 10 Bagless Days Program, students of Kendriya Vidyalaya, OCF Sector 29, Chandigarh, were taken on an educational tour to the Ordnance Cable Factory (OCF), Industrial Area, Chandigarh. The visit aimed to provide students with practical exposure to the functioning of a defense manufacturing unit.

A total of 40 students from Class VII B participated in the visit. The school principal, Sh. K.S. Pathania, flagged off the bus at 9:00 a.m. The students were warmly received at OCF, which is engaged in manufacturing cable harnesses and other defense products, ranging from raw material processing to finished PRODUCTS.

During the visit, students were given a comprehensive briefing about the organization, its operations, and its products. They also witnessed demonstrations, including how a tank driver can view the surroundings with a 360-degree perspective while seated inside the tank.

The factory authorities extended a cordial welcome to the students and accompanying teachers. Refreshments were arranged, and each student was provided with a writing pad and pen to note important aspects of the visit.

The trip concluded at 12:00 noon, leaving the students enriched with knowledge and delighted by the experience.

FIRE SAFETY CLASS BY FIRE STN IND AREA -1 CHANDIGARH

 BY LFM- RAJINDER PARSAD 


DATE: 18-12-2025