- (अंग्रेजी की दो इंटरनेशनल बेस्टसेलर्स किताब ‘एज ए मैन थिंक’ और ‘एट पिलर्स ऑफ प्रॉस्पैरिटी’ का हिंदी अनुवाद)
- लेखक- जेम्स एलन
- अनुवाद- राजेंद्र कुमार राज
- प्रकाशक- प्रभात प्रकाशन
- मूल्य- 300 रुपए
- सन 1864 में इंग्लैंड के लीसेस्टर में जन्मे जेम्स एलन अपने समय के एक प्रमुख विचारक और दार्शनिक थे। उनकी दो किताबें ’एज ए मैन थिंक’ और ‘एट पिलर्स ऑफ प्रॉस्पैरिटी’ न केवल उस दौर में, बल्कि आज भी मार्गदर्शक की तरह काम करती हैं।
- इन दोनों किताबों का हिंदी अनुवाद ‘जैसी सोच, वैसा जीवन एवं खुशहाली के 8 स्तंभ’ नामक एक किताब में किया गया है। अब सवाल ये उठता है कि 150 साल से भी पहले लिखी ये किताबें आज के आधुनिक, तकनीक-प्रधान और तेज रफ्तार जीवन में क्या मायने रखती हैं।
- इसका सीधा सा जवाब है कि समय बदला है, पर जीवन की बुनियादी सच्चाइयां नहीं बदली हैं। पेड़ आज भी बीज से ही उगता है। ठीक वैसे ही, इंसान के विचार ही उसके जीवन की दिशा तय करते हैं।
- यह सिद्धांत तब भी सच था और आज भी उतना ही प्रासंगिक है। नैतिकता-अनैतिकता, अच्छाई-बुराई जैसे मूल्य समय के साथ बदले नहीं हैं। हां, ये बात अलग है कि हम कभी-कभी उन्हें भूल जाते हैं।
- इसीलिए आज इन किताबों की जरूरत और भी बढ़ गई है क्योंकि हम तकनीक में आगे बढ़ गए हैं। लेकिन भीतर की आवाज और मूल्यों की ओर लौटने की राह कहीं खोती जा रही है। एलन की ये दोनों किताबें हमें याद दिलाती हैं कि जीवन हमारी सोच का प्रतिबिंब है।
हम वही बनते हैं, जो सोचते हैं:
जो बीज बोया, वही फल काटेंगे,
जीवन में खुश रहना है तो ये 8 बातें हमेशा याद रखना
ये किताबें किसे पढ़नी चाहिए?
ये किताबें उन सभी के लिए हैं, जो अपने जीवन में सच में बदलाव लाना चाहते हैं। खासतौर पर वे लोग जो अपनी सोच को सकारात्मक और सशक्त बनाना चाहते हैं, जीवन में समृद्धि के सही रास्ते पर चलना चाहते हैं।
साथ ही पर्सनल ग्रोथ व सेल्फ इम्प्रूवमेंट को प्राथमिकता देते हैं। यह उन लोगों के लिए भी है, जो मानसिक शांति, स्थिरता और सच्ची खुशी की तलाश में हैं।
इसके अलावा जो लोग अनुशासन, ईमानदारी व आत्मविश्वास जैसे गुणों को जीवन में बढ़ाना चाहते हैं उन्हें भी ‘जैसी सोच वैसा जीवन एवं खुशहाली के 8 स्तंभ’ किताब जरूर पढ़नी चाहिए। यह किताब सच्ची सफलता और संतुष्टि का रास्ता दिखाने वाली है।
किताब के बारे में मेरी राय
जेम्स एलन की किताब ‘जैसी सोच वैसा जीवन’ ने मुझे मेरे विचारों की ताकत का अहसास कराया तो ‘खुशहाली के 8 स्तंभ’ ने उस ताकत को सही दिशा में इस्तेमाल करना सिखाया।
किताब की भाषा सरल और प्रेरक है, जो हर पन्ने पर कुछ नया सोचने के लिए मजबूर करती है। इन दोनों किताबों ने मुझे यह सिखाया कि हमारा जीवन हमारे हाथ में है। अगर हम अपनी सोच और अपने सिद्धांतों पर काम करें तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती है।
अगर आप अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, अपनी सोच को बदलना चाहते हैं और सच्ची समृद्धि की राह पर चलना चाहते हैं तो ये किताबें आपके लिए हैं। इन्हें पढ़ें, इनके सबक अपनाएं और देखें कि कैसे आपका जीवन एक नई ऊंचाई छूता है।
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