शिक्षा का उदेश्य :
1. स्वंम् को पहचानना
2. अपने वातावरण को जानना और तथानुसार
3. उपरोक्त दोनों का एक बेहतरीन समायोजन करना ही
शिक्षित होने का प्रमाण है.
"आज के समय मे आप निम्न पांच गुण- ज्ञान-धर्म और दक्षता धारण कर शिक्षा के माध्यम से स्वस्थ-सात्विक-संपन्न-सुगम -एवं सफल (5स) जीवन जी सकते हैं".
1. पांच तत्व:
पृथ्वी, जल, आकाश, वायु और अग्नि का ज्ञान और उसका मनुष्य की प्रकृति और प्रवर्ती पर असर.
2. पांच विषय:
भाषा, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञानं और एक कलाविषय (चित्रकला, संगीत, नृत्य,......) रूचि अनुसार.
कंप्यूटर -IT, वाहन एवं सडक सुरक्षा, पाक कला, स्वस्थ जीवन, धनोपार्जन हेतु एक कौशल /स्कील.
खून बहने पर, हड्डी टूटने पर, आग या जलने पर, स्वांस नली की परेशानी पर, हृदय घात पर या ऐसे कोई 5 जीवनदाई फर्स्ट ऐड.
5. पांच सामाजिक आर्थिक व्यवहारिकतायें :
संगठन, संस्था, धन, राजनीति और कर्तग्यता
हर विद्यार्थी को शिक्षा के उदेश्य से 5स की प्राप्ति हेतु उपरोक्त 5 प्रयास करने चाहियें.
(3+5+5=13 points)
उमा शंकर मु.
पु. अध्यक्ष
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