ग्रामीण अंचल में जन्में बच्चे भी अब विज्ञान का दामन थामकर अविष्कार के आकाश में उड़ान भर रहे हैं। नीमराणा तहसील के गांव कांकर की ढाणी में जन्मे एेसे ही दो जुनूनी भाइयों ने एक हवाई जहाज बनाया है। घरेलू वेस्ट से तैयार यह मॉडल 20 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरता है।

शाहजहांपुर कस्बे में माता-पिता के साथ रह रहे योगेश व विवेक रेवाड़ी के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा नवीं व कक्षा छठी में अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि यह मॉडल घरेलू वेस्ट आर्टिकल्स से तैयार किया गया है। जिसकी लंबाई 8 फीट तथा चौड़ाई 6 फीट है। जिसे बनाने में उन्हें छह महीने का वक्त लगा है। इसमें 10 से 12 हजार का खर्च आया है। मॉडल का वजन 17 किलो है और यह 20 फीट तक उड़ान भर सकता है। यह जीपीएस कनेक्टिविटी से युक्त है। यह महज 20 मिनट में खोला व दुबारा से जोड़ा जा सकता है।

...और ठान लिया कि एक दिन हवाई जहाज उड़ाएंगे

योगेश ने बताया कि वह और उसका छोटा भाई विवेक आठ और सात साल के थे। तब दिवंगत दादी अशरफी देवी के साथ गर्मी की स्कूल की छुट्टियों में दिल्ली डीटीसी में नौकरी कर रहे पिता नरेश कुमार के पास इंटरनेशनल इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के पास पालम में पिता के मकान पर गए।

वहां दिन-रात उड़ान भरते व उतरते हवाई जहाज को देखते थे। बाद में एयरपोर्ट के भीतर बने मंदिर जाने के बहाने जाकर हवाई जहाज को नजदीक से देखने लगे। मंदिर के पास एयरपोर्ट परिसर में पुराने हवाई जहाजों के मॉडल भी प्रदर्शित थे। उन्हें भी बहुत बारीकी से देखा और जाना। वहीं से ठान लिया कि एक दिन हवाई जहाज उड़ाएंगे।

बेंगलुरु में मनवाया प्रतिभा का लोहा


गत 23 अप्रेल को बेंगलुरु में आयोजित तीन दिवसीय जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में अपने हवाई जहाज के मॉडल का डेमो प्रदर्शन कर दोनों ने काबलियत का लोहा मनवाया है। उनके मॉडल ने 750 मॉडल में तीसरा स्थान प्राप्त किया।