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MY DEAR STUDENTS AND TEACHERS - THIS BLOG IS A DIGITAL GIFT TO YOU ALL -SO LEARN LIFE SKILLS. IMPROVE READING, WRITING, LISTENING & SPEAKING SKILLS, WORK ON SCIENCE OR/AND SOCIAL SCIENCE PROJECTS. GIVE COMMENTS BY CLICKING - NO COMMENTS- BUTTON. USE SEARCH WINDOW FOR FASTER RESULTS. TALK TO YOUR LIBRARIAN ON ANY TOPIC, ANY TIME ANYWHERE: Mob: 8901549120."If you can't go out, go within." "Work on your intrapersonal communication to master your interpersonal communication" Gratitude and blessings are key to success of hard work

Friday, 10 November 2023

LIBRARIAN DOING COMENDABLE WORK.

INNOVATIVE TOPIC: A SHIFT IN LEARNING OF

हिंदी स्वर ,स्वर मात्राव्यंजन और बारहखड़ी

 SUBMITTED UNDER:

 ROLE OF LIBRARIAN IN DEVLOPING REDING HABBITS AMONG STUDENTS.

BY 

UMA SHANKER

LIBRARIAN

KV ITBP BHANU PANCHKULA

GURUGRAM REGION

(VIDE: KVS-HQ -F.11-ACD0338T(7)/2019-AC(TRG)/35-57 Dt. 09-011-2023)

PROBLEM STATEMENT :समस्या का विवरण एवं विचार संकल्पना:

कक्षा (III-V) पुस्तकालय कालांश के दौरान बच्चों द्वारा पुस्तक के कठिन / नए शब्दों का उच्चारण बार-बार अध्यापक से पूछने से पता चला की उनमें हिंदी स्वर, मात्राओं  और बारहखड़ी की समझ पूर्णतः विकसित स्थायी नहीं है |

SOLUTION STATEMENT-समाधान कथन:

विद्यार्थियों में हिंदी स्वर, मात्राओं  और बारहखड़ी की समझ पूर्णतः

विकसित स्थायी बनाने हेतु एक ऐसी तकनीक विकसित करनी थी

जो सीखने में आसान,लयबद्ध, रोचक, गतिविधि केन्द्रित चिरस्थायी हो|

क्योंकि

.   स्वर : अधिकतर बच्चों में स्वर व् व्यंजन्नों की पहचान तो पाई गई परन्तु

.   मात्राएँ : स्वर से जुडी मात्रा के बारे में अनिश्चितता थी.

.   व्यंजन: अधिकतर बच्चे  हिंदी व्यंजनों की सम्पूर्ण जानकारी नहीं दे पाए.

.   बारहखड़ी: अधिकतर बच्चे  व्यंजनों पर स्वर की मात्र से बारहखड़ी नहीं सुना पाए. 

TECHNIQUE APPLIED: तकनीक परिचय:      

. स्वर लेखन व् पहचान:

पहले बोर्ड पर स्वर लिखे गए फिर उसके निचे उनकी मात्रा लिखी गयी

और बच्चों से इनकी पहचान व् उच्चारण करने को कहा गया.

    . स्वरों का विभाजन :

बाएँ हाथ को दिए गये स्वर और मात्रा

अं

दाएँ हाथ को दिए गये स्वर और मात्रा

अः

    बच्चों से इनकी पहचान व् उच्चारण करने को कहा गया

. स्वरों का हाथ व् ऊँगली के साथ ताल-मेल :

बाएँ-दायें हाथ और उनकी उँगलियों से हवा में मात्रा का इशारा(एक्शन)और स्वर के उचारण को हाथ की गति से निर्धारित किया जाना शुरू किया गया और बार बार अभ्यास करवाया गया.

. लीडर- अनुकरण: 

उपरोक्त अभ्याश के पश्चात् निचे दिए चार्ट को बोर्ड पर लगा कर एक लीडर को बोर्ड की तरफ सबसे आगे खड़ा कर कक्षा के अन्य बच्चों को उसका अनुकरण करने को कहा गया ताकि बच्चे स्वर और वयंजन चार्ट की मदद से स्वम् बारहखड़ी का निर्माण, उचारण और अभ्यास कर सकें और सारी कक्षा का यह ज्ञान  एक ही स्तर पर हो 


CLICK HERE TO WATCH

और देखें



OUTCOME OF INITIATIVE: पहल का परिणाम

.   स्वर : बच्चों में स्वरों  की पहचान और अधिक स्थाई हुई .

.   मात्राएँ : स्वर से जुडी मात्रा के बारे में निश्चितता आई

.   व्यंजन: अधिकतर बच्चे अब हिंदी व्यंजनों की सम्पूर्ण  जानकारी दे पाए

.   बारहखड़ी: अधिकतर बच्चे  व्यंजनों पर स्वर की मात्रा के साथ बारहखड़ी का स्वम् निर्माण कर सुना पाए . 

NOTEWORTHY FEATURE OF INITIATIVE:  उल्लेखनीय विशेषता

बाल केन्द्रित उपागम जो सीखने में  आसान,लयबद्ध, रोचक, गतिविधि केन्द्रित चिरस्थायी  पाया गया और जिसमे अधिकतर विद्यार्थी अपनी  सभी  ज्ञानेन्द्रियों की मदद से सरलता से स्वर और मात्राऔं को सीख पाए.

CHANGE IN SCHOOL CULTURE: स्कूल परंपरा में परिवर्तन

कक्षा एक से पांच तक एक बच्चों में खेल  और ज्ञान को समन्वय के साथ सीखने की जिज्ञाषा  के साथ साथ पठन पठान के प्रति झिझक समाप्त हुई व्  पुस्तक पढने की संख्या में वृद्धि हुई.
WHY TO SHARE WITH ALL: साँझा करने के कारण

सीखने में  आसान,लयबद्ध, रोचक, गतिविधि केन्द्रित चिरस्थायी तकनीक जिसके कारण बच्चे पुस्तकों को समझने में सक्षम और उन्हें प्यार करने लगे हैं.

इस  कारण पाठ्कों की संख्या में स्वत ही बढोतरी देखी जा रही है . 


FOR WRITEUP SUBMITTED CLICK HERE

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WRITEUP:

Subject: Librarian doing commendable work.

(F.11-ACTROL tr/12/2023-AC (TRG)/2206-2232 dt. 11.10.2023)

LIBRARY-KV-ITBP-BHANU-PKL-

School Codes: 500024/44521

Region: Gurugram.

 Librarian of this Vidyalaya Mr.Uma Shanker an Ex. Air Worrier is highly qualified and holds Academic & professional degrees like M.A.(Pub.Admn), BLISc. MLISc. PGDLAN and UGC NET (Lib. Sc.) & also  Engineering, Business/NGO  and Management Degrees /Diplomas.  He has a vast experience of  working in not only Special Libraries, Public Libraries, Collage Libraries  And  School Libraries but also  several other organization such as  Defence Avionics (IAF) and  School of Total quality management (TQM) and Entrepreneurship. He is still energetic and keeps attending workshops seminars and events of his profession regularly as participant and resource person as well.

 A trained AEP Nodal Teacher and with his command over languages and communication skills he is naturally one of  best educational and career counsellor for students due to his background. He indeed is an asset to the KVS and this vidyalaya. His Core Traits are: Always ready to help and elevate the system with his honesty, dedication and organizing skills.

 Out of many Innovative works that he does in his day today assignments and also posts them on several digital platforms, some which need worth mentioning are:

 Work-1: Blogging :  

7 Themes of blog: To develop creativity, innovation, life skills, and scientific temperament & language skills apart from Career counselling and personality development of students.  Total Visitors on the blog so far: 1.40 Lac;

Blog URL: https://kvbhanulibrary.blogspot.com

 Work-2 ; स्वरमात्रा और बारहखड़ी

प्राथमिक कक्षाओं हेतु स्वरमात्रा और बारहखड़ी की सरल तकनीक. बच्चों को आसानमनोंरजक और सरल तकनीक से स्वर उनकी मात्रा और उसी पर आधारित बारहखड़ी के  स्थाई ज्ञान का अभ्यास.

You Tube:  https://www.youtube.com/channel/UCbIDH5YR9Gt8oWXwCBeyc7A

 Work-3: LSRW under FLN

Simple and easy tricks for students to improve their Listening, Speaking, Reading and writing skills.

·         https://kvbhanulibrary.blogspot.com/2022/04/blog-post_21.html

·         https://kvbhanulibrary.blogspot.com/2022/07/foundation-ii.html

 

Work-4: Education & Career Counselling.

On panel of Career counsellor dost.com of KVS guru. https://counsellordost.com/counsellor  & Career Counsellor WhatSapp Group of school students for day to day Current awareness services to the students.

·         https://chat.whatsapp.com/LWh9ESSXWXMKqcPZch6jzX

 Work-5; Community Awareness:

Is actively participating in programs like: ENVIRONMENT, ROAD SAFETY & TRAFFIC AWARENESS, OLD AGE etc.  His connect with school student and outside in the society is highly influential and impactful as seen on blog and other digital platforms likw Facebook, utube etc.

·         https://www.facebook.com/groups/167313183694749/?ref=bookmarks

·         https://www.facebook.com/Traffic-Nonsence-1058806200814309/?ref=bookmarks

·         https://www.facebook.com/groups/moudgil67/?ref=bookmarks

 Apart from running the school library in a systematic way as per KVS norms for students and teachers with focus on learning outcome through activities related to Library and book reading like LSRW and Swar-Matra-Barahkhadi are the innovative concepts widespread among the students. Vidyalaya is proud to have him in its team and wishes him all the very best & good luck for reward and recognitions of his efforts at any level.                            

 Monika 

Principal

KV ITBP BHANU  Panchkula 

Thursday, 9 November 2023

Celebrating scout & guide foundation day And Protecting the environment-07 Nov 2023

 A Prayavan related Programm by Sh. KK Jaiswal ji and team is scheduled 

Today from 0130pm to 2pm 

 Dr. Devdat Sharma

TGT SSKT, SOC S& G

Will be hosting the program.

Celebrating scout & guide foundation day

And 

Protecting the environment























Thursday, 2 November 2023

हरियाणा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!!

जैसा कि आप सभी जानते है कि हरियाणा दिवस पूरे हरियाणा राज्य में 1 नवंबर को मनाया जाता है। हरियाणा राज्य बनने के पश्चयात प्रदेश ने कई नयी उपलब्धियां हासिल की। एक नवंबर, 1966 को पंजाब प्रांत के पुनर्गठन के बाद हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। हरियाणा एक ऐतिहासिक राज्य है, जिसका इतिहास अत्यंत समृद्धि और परंपराओं से भरपूर है। इसी उपलक्ष्य में HKCL ने एक ई-टेस्ट लांच किया है। इस ई-टेस्ट का मुख्य उद्देश्य है कि आज के युवा पीढ़ी को हरियाणा राज्य के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी हो। आप सभी से अनुरोध है कि आप इस ई-टेस्ट का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें और अपने सभी स्टूडेंट्स को दिए गए ईटेस्ट का लिंक पहुँचाने का प्रयत्न करें।  

ई-टेस्ट का लिंक :     

https://forms.gle/B6J3ryCLTtLkHSo76

इस ई-टेस्ट में स्टूडेंट्स को हरियाणा में हुये सराहनीय कार्य एवं उपलब्धियों से संबधित कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए है, स्टूडेंट इस ई-टेस्ट को अटेम्प करने के उपरांत उनके ईमेल पर सहभागिता प्रमाण पत्र (Participation Certificate) भी प्राप्त होगा।  

अतः आप सभी से निवेदन है कि इस ई-टेस्ट को ज्यादा से ज्यादा लर्नर्स तक पहुचायें, इसके लिए, इस अवसर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए हरियाणा दिवस से सम्बन्ध कुछ पोस्टर भी तैयार किये गए है, आप अपने सोशल मीडिया चैनल के माध्यम से इन पोस्टर को लर्नर्स तक पहुँचा सकते हो और अपने केंद्र और कोर्स के बारे में भी उन सभी को अवगत कर सकते हो। 

धन्यवाद।  

हरियाणा नॉलेज कारपोरेशन लिमिटेड

ई-टेस्ट का लिंक :








Tuesday, 31 October 2023

EKTA DIVAS

 आज विद्यालय में प्राचार्य महोदया शिक्षक और सभी विद्यार्थियों ने

 सरदार पटेल को भावपूर्ण श्रधान्जली अर्पित करते हुए उनके कार्यों को याद किया 

सरदार वल्लभ भाई पटेल 1875 – 1950

Read- Listen to his Brief Biopic

वल्लभभाई झावेरभाई पटेल (३१ अक्टूबर १८७५ – १५ दिसम्बर १९५०), जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है "प्रमुख"। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।[1]

पटेल का जन्म नडियादगुजरात में एक लेवा पटेल(पाटीदार)[2] जाति में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।  FOR MORE CLICK HERE

562 रियासतों का एकीकरण करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में उनके ननिहाल में हुआ. वे खेड़ा जिले के कारमसद में रहने वाले झावेर भाई पटेल की चौथी संतान थे. उनकी माता का नाम लाडबा पटेल था. उन्होंने प्राइमरी शिक्षा कारमसद में ही प्राप्त की. बचपन से ही उनके परिवार ने उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया.1893 में 16 साल की आयु में ही उनका विवाह झावेरबा के साथ कर दिया गया था. उन्होंने अपने विवाह को अपनी पढ़ाई के रास्ते में नहीं आने दिया. 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. 1900 में ज़िला अधिवक्ता की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, जिससे उन्हें वकालत करने की अनुमति मिली. गोधरा में वकालत की प्रेक्टिस शुरू कर दी. जहाँ इन्होने प्लेग की महामारी से पीड़ित कोर्ट ऑफिशियल की बहुत सेवा की.1902 में इन्होने वकालत काम बोरसद सिफ्ट कर लिया, क्रिमिनल लॉयर रूप नाम कमाया. अपनी वकालत के दौरान उन्होंने कई बार ऐसे केस लड़े जिसे दूसरे निरस और हारा हुए मानते थे. उनकी प्रभावशाली वकालत का ही कमाल था कि उनकी प्रसिद्धी दिनों-दिन बढ़ती चली गई. गम्भीर और शालीन पटेल अपने उच्चस्तरीय तौर-तरीक़ों लिए भी जाने जाते थे. यंही उनके पुत्री मणिबेन का 1904 व पुत्र दह्या का 1905 में जन्म हुआ. बेरिस्टर कोर्स करने के लिए पैसों की बचत करली थी परन्तु बड़े भाई विठलभाई की इच्छा पूरी करने के लिए उनहोंने खुद न जाकर 1905 में उन्हें इग्लैंड भेज दिया.सरदार पटेल अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी, समर्पण व हिम्मत से साथ पूरा करते थे.उनके इस गुण का दर्शन हमें सन् 1909 की इस घटना से होते है.वे कोर्ट में केस लड़ रहे थे, उस समय उन्हें अपनी पत्नी की मृत्यु (11 जनवरी 1909) का तार मिला. पढ़कर उन्होंने इस प्रकार पत्र को अपनी जेब में रख लिया जैसे कुछ हुआ ही नहीं. दो घंटे तक बहस कर उन्होंने वह केस जीत लिया.बहस पूर्ण हो जाने के बाद न्यायाधीश व अन्य लोगों को जब यह खबर मिली कि सरदार पटेल की पत्नी का निधन हुआ गया.तब उन्होंने सरदार से इस बारे में पूछा तो सरदार ने कहा कि “उस समय मैं अपना फर्ज निभा रहा था, जिसका शुल्क मेरे मुवक्किल ने न्याय के लिए मुझे दिया था. मैं उसके साथ अन्याय कैसे कर सकता था.” ऐसी कर्तव्यपरायणता और शेर जैसे कलेजे की मिशाल इतिहास में विरले ही मिलती है.







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