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MY DEAR STUDENTS AND TEACHERS - THIS BLOG IS A DIGITAL GIFT TO YOU ALL -SO LEARN LIFE SKILLS. IMPROVE READING, WRITING, LISTENING & SPEAKING SKILLS, WORK ON SCIENCE OR/AND SOCIAL SCIENCE PROJECTS. GIVE COMMENTS BY CLICKING - NO COMMENTS- BUTTON. USE SEARCH WINDOW FOR FASTER RESULTS. TALK TO YOUR LIBRARIAN ON ANY TOPIC, ANY TIME ANYWHERE: Mob: 8901549120."If you can't go out, go within." "Work on your intrapersonal communication to master your interpersonal communication" Gratitude and blessings are key to success of hard work

Saturday, 13 January 2024

Indian cultutre and haritage

Refere here for Art and culture of Our Country... Bharat




















भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परम्पराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर सम्बंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि सनातन धर्मजैन धर्मबौद्ध धर्म और सिख धर्मसिंधी धर्म धर्मों का जनक है.

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Friday, 12 January 2024

MY FIRST LEARNING LIBRARY

 










Makar Sankranti



Regarding enlightening the students about the success of the Aditya Mission and highlighting the cultural and solar significance of Makar Sankranti, the following activities, as suggested vide letter referred above, are to be undertaken in Kendriya Vidyalayas on the occasion of Makar Sankranti on January 14-15, 2024 in a befitting manner: 

                                                               

 1. To conduct a Workshop or Seminar by inviting Eminent scholar(s) to engage students in discussions and presentations. 

 

 2. To conduct traditional dances, songs, and plays associated with the Makar Sankranti festival, incorporating the scientific aspect during the Morning Assembly. 

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व



हर साल 14 जनवरी को हम मकर संक्रांति मनाते हैं।  यह एकमात्र भारतीय त्योहार है जो सौर कैलेंडर के एक निश्चित कैलेंडर दिवस पर मनाया जाता है।  अन्य सभी भारतीय त्यौहार चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं, जो सौर कैलेंडर पर उनके उत्सव के दिनों को हर साल बदलते हैं।

 अंतर देखना आसान है।  भारत में, हम चंद्र कैलेंडर का पालन करते हैं;  चंद्रमा 29.5 दिनों में अमावस्या से अमावस्या या पूर्णिमा से पूर्णिमा तक जाता है।  हमें 354 दिनों में 12 पूर्ण चंद्रमा मिलते हैं, जिससे एक चंद्र कैलेंडर वर्ष 354 दिन लंबा हो जाता है।  हालाँकि, सूर्य हर 365.25 दिनों में आकाश में उसी स्थान पर लौट आता है।  अत: सौर और चंद्र वर्ष में 11.25 दिनों का अंतर होता है।  प्रत्येक 2.5 वर्ष, इसलिए, चंद्र कैलेंडर में एक अंतर मास (अधिक मास) जोड़ा जाता है ताकि दोनों को मोटे तौर पर सिंक्रनाइज़ किया जा सके।


वैदिक विज्ञान ये लाखों वर्षों से बताता चला आ रहा है कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा कर ऐसे स्थान विशेष पर पहुँचती है कि सूर्य मकर रेखा या मकर राशि में प्रवेश करता है जिसे आज का विज्ञान एक assumed line Tropic of Capricorn बोलता है । वैदिक विज्ञान को यह भी पता था कि पृथ्वी स्थैतिज्व ऐसी जगह पर होगा जब सूर्य , नक्षत्र द्वारा निकलने वाली किरणों का प्रभाव जल पर पड़कर उसे और भी अमृतमय और विशेष radiation युक्त करता है जिसमें नहाकर मनुष्य मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है । 
यह बात ध्यान रखिये की जितना विज्ञान अभी तक जान पाया है केवल उतना ही नहीं है , बल्कि विज्ञान मात्र 0.05% ही जान पाया है । विज्ञान मात्र कुछ ही radiations और निकलने वाली एनर्जी या waves को ही जान पाया है । 
जल पर खगोलीय पिंडों और उनके द्वारा निकलने वाली अनजान और अदृश्य किरणों या different wavelength के खगोलीय प्रकाश का क्या असर होता है यह पूर्णिमा के दौरान समुद्र के ज्वारभाटा से समझा जा सकता है ।

 3. To organize art and craft activities related to Makar Sankranti 


 4. To conduct essay writing themed around the Sun, Makar Sankranti, and the achievements of the Aditya Mission :

ADITYA-L1 (isro.gov.in)  

UTUBE

Halo-Orbit Insertion of Aditya-L1 Successfully Accomplished (isro.gov.in)  



 







संक्रान्ति का अर्थ है, ‘सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)’। एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है। पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रान्तियां होती हैं। लेकिन इनमें से चार संक्रांति मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति महत्वपूर्ण हैं। पौष मास में सूर्य का धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश मकर संक्रान्ति रूप में जाना जाता है।

सामान्यत: भारतीय पंचांग पद्धति की समस्त तिथियां चन्द्रमा की गति को आधार मानकर निर्धारित की जाती हैं, किन्तु मकर संक्रान्ति को सूर्य की गति से निर्धारित किया जाता है, मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है और इसे सम्पूर्ण भारत और नेपाल के सभी प्रान्तों में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है।

उत्तर भारत में इस पर्व को ‘मकर सक्रान्ति, पंजाब में लोहडी, गढ़वाल में खिचडी संक्रान्ति, गुजरात में उत्तरायण, तमिलनाडु में पोंगल, जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति’ कहते हैं।




शास्त्रों के अनुसार, देवताओं के दिन की गणना इस दिन से ही प्रारम्भ होती है। सूर्य जब दक्षिणायन में रहते है तो उस अवधि को देवताओं की रात्रि व उत्तरायण के छ: माह को दिन कहा जाता है। सामान्यतः सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अन्तराल पर होती है। सर्वविदित है कि पृथ्वी की धुरी 23.5 अंश झुकी होने के कारण सूर्य छः माह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के निकट होता है और शेष छः माह दक्षिणी गोलार्द्ध के निकट होता है।

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दिन से सूर्य के उत्तरायण हो जाने से प्रकृति में बदलाव शुरू हो जाता है। शीत के कारण से ठिठुरते लोगों को सूर्य के उत्तरायण होने से शीत ऋतु से राहत मिलना आरंभ होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां के पर्व त्योहार का संबंध काफी कुछ कृषि पर निर्भर करता है। मकर संक्रांति ऐसे समय में आता है जब किसान रबी की फसल लगाकर खरीफ की फसल, मक्का, गन्ना, मूंगफली, उड़द घर ले आते हैं। किसानों का घर अन्न से भर जाता है। इसलिए मकर संक्रांति पर खरीफ की फसलों से पर्व का आनंद मनाया जाता है।

मकर संक्रान्ति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध के निकट होता है अर्थात् उत्तरी गोलार्ध से अपेक्षाकृत दूर होता है जिससे उत्तरी गोलार्ध में रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा शीत की  ऋतु होती है। किन्तु मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर आना प्रारम्भ हो जाता है। अतएव इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा सर्दी की ठिठुरन कम होने लगती है। अतः मकर संक्रान्ति अंधकार की कमी और प्रकाश की वृद्धि का आरंभ है।

समस्त जीवधारी (पशु, पक्षी व पेड़ पौधे भी) प्रकाश चाहते हैं। संसार सुषुप्ति से जाग्रति की ओर अग्रसर होता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्य शक्ति में वृद्धि होती है। प्रकाश ज्ञान का प्रतीक है और अन्धकार अज्ञान का।

भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है, इसलिए ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ का उद्घोष करने वाली भारतीय संस्कृति में मकर संक्रांति अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतवर्ष के लोग इस दिन सूर्यदेव की आराधना एवं पूजन कर, उसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं।

विश्व की 90% आबादी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में ही निवास करती है अतः मकर संक्रांति पर्व न केवल भारत के लिए बल्कि लगभग पूरी मानव जाति के लिए उल्लास का दिन है। सम्पूर्ण विश्व के सभी उत्सवों में संभवतः मकर संक्रांति ही एकमात्र उत्सव है जो किसी स्थानीय परम्परा, मान्यता, विश्वास या किसी विशेष स्थानीय घटना से सम्बंधित नहीं है, बल्कि मकर संक्रांति एक ऐसी खगोलीय घटना है जो सम्पूर्ण भूलोक में नव स्फूर्ति और आनंद का संचार करती है। यद्यपि मकर संक्रांति सम्पूर्ण मानवता के उल्लास का पर्व है परंतु इसका उत्सव केवल हिन्दु समाज मनाता है क्योंकि विश्व बंधुत्व, विश्व कल्याण और सर्वे भवन्तु सुखिनः की उदात्त भावना केवल भारतीय संस्कृति की विशेषता है।

भगवद् गीता के अध्याय ८ में भगवान कृष्ण कहते हैं कि उत्तरायण के छह माह में देह त्याग करने वाले ब्रह्म गति को प्राप्त होते हैं जबकि दक्षिणायन के छह माह में देह त्याग करने वाले संसार में वापिस आकर जन्म मृत्यु को प्राप्त होते हैं।

अग्निर्ज्योतिरहः शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्।

तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः।।

धूमो रात्रिस्तथा कृष्ण षण्मासा दक्षिणायनम्।

तत्र चान्द्रमसं ज्योतिर्योगी  प्राप्य निवर्तते।।

शुक्ल कृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते।

एकया  यात्यनावृत्ति  मन्ययावर्तते  पुनः।।

यही कारण था कि भीष्म पितामह महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद मकर संक्रान्ति की प्रतीक्षा में अपने प्राणों को रोके अपार वेदना सह कर शर-शैया पर पड़े रहे थे। मान्यता यह भी है कि इस दिन यशोदा ने श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए व्रत किया था। कहा जाता है कि मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी और भगीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान की थी, इसीलिए आज के दिन बंगाल में गंगासागर तीर्थ में कपिल मुनि के आश्रम पर एक विशाल मेला लगता है जिसके बारे में मान्यता है कि –“सारे तीरथ बार बारगंगा सागर एक बार”।

राष्ट्र जीवन में मकर संक्रांति का महत्व


सच कह रहा हूँ मित्रों, आनेवाला परीक्षा पर्व हमें अत्यंत उत्साह से मनाना है। किस प्रकार मनाना है उसका विचार करें –

  1. कल से प्रातः नींद से जागते ही, बिस्तर पर बैठकर ही, स्वंय से कुछ बोलना है। इसे ‘स्वगत’ अथवा ‘स्वयंसूचना’ (ऑटो सजेशन) कहते हैं। बोलना क्या है? प्रथम, ईश्वर की मनःपूर्वक प्रार्थना कर उसका आभार मानना। उपकार याद करना। उसके द्वारा दिये हुए मानव देह के लिये आभार, बुद्धि रूपी वैभव प्रदत्त करने के लिये आभार, कृतज्ञता! “मैं आने वाले परीक्षा पर्व के लिये तैयार हूँ। प्रसन्नतापूर्वक इस पर्व का स्वागत करता हूँ। वर्षभर बहुत अध्ययन किया है। परिश्रम किया है, अब मुझे अच्छे प्रकार से प्रस्तुति देना है, और वह मैं भली प्रकार से कर सकता हूँ,” आपके द्वारा किया गया स्वगत सकारात्मक, प्रथम पुरुष, एकवचन,; अर्थात् मैं, मुझे और वर्तमान काल दर्शी हो! ‘मैं प्रसन्न हूँ, खुश हूँ’ कहना नहीं भूलें!
  2. बिस्तर से उठते ही एक ग्लास गरम पानी पीयें! थोड़ा शहद और नींबू रस मिलाया जाए तो बेहतर! दिनभर में सात से आठ ग्लास पानी पीयें (बिना नींबू, शहद के)। अपना दिमाग अर्थात 78 प्रतिशत पानी, ये तो ध्यान होगा ही।
  3. परीक्षा मेरी दुश्मन नहीं, परीक्षा मुझे निराश नहीं कर सकती। परीक्षा का सामना करने हेतु जाते समय ये बात न भूलें कि परीक्षा से अधिक सामर्थ्य शक्ति, युक्ति, बुद्धि अपने पास है।
  4. “मेरा अभ्यास नहीं हुआ”, “उत्तर याद नहीं”, “तैयारी हुई नहीं”, ऐसा समझने की, भय पालने की आवश्यकता नहीं। ये चिंता, भय अनावश्यक है, कारण आपने तैयारी तो की हुई है। और रही बात याद न रहने वाली! तो ध्यान रखें, प्रश्नपत्र हाथ में आने पर, प्रश्न पढ़ने पर, उसका उत्तर मन के किसी कोने में छिपा बैठा होता है वह उछलकर बाहर आ जाता है, और उत्तर पुस्तिका पर उतर जाता है- इसलिये “अभ्यास हुआ नहीं”, “उत्तर याद नहीं”, आदि मन में से दूर हटा दो, अभी याद नहीं ऐसा लग रहा हो तो भी समय आने पर जरूर याद आ जायेगा इस बात का पूरा विश्वास करो। सौ प्रतिशत सच है यह बात!
  5. अब याद करना होगा बार-बार। इस विधि को कहते हैं ‘Revision’ इस शब्द का अर्थ क्या है? इसमें दो शब्द है- ‘री’ और ‘विजन’ का अर्थ- बार-बार (पुनः) और ‘विजन’ का अर्थ ‘देखना’! ‘दिखाना’! बार-बार केवल पढ़ना ही नहीं, अपितु लिखो, याद करो।
  6. बिस्तर पर बैठकर, तिरछे-आड़े होकर अथवा लेटे हुए पढ़ाई न करें। पैंतालिस मिनट एक ही स्थान पर बैठें, तत्पश्चात पंद्रह मिनट कॉपी-पुस्तक बंद करके घर में, आंगन में, बगीचे में, थोड़ा चलते-फिरते, स्मरण, मनन, चिंतन करें। आकृति, चित्र आंखों के समक्ष लाने का प्रयास करें, पढ़ा हुआ… किसी को बताएं, कॉपी पुस्तक की सहायता न लेते हुए जो-जो याद हो वह एक कागज पर उतारें, क्रम बद्ध लिख सकें तो बेहतर, अन्यथा जो याद हो वह शब्द, चित्र, आकृति कागज पर अंकित करें। फिर क्यों, कैसे, कारण, ऐसे प्रश्न पूछने के अंदाज से एक-दूसरे से संबंध दर्शाने का प्रयास करें। पुनः अभ्यास के लिये बैठें, पौने अथवा एक घण्टा पश्चात छोटा-सा ‘ब्रेक’, कुछ नाश्ता-पानी हेतु!
  7. निम्नांकित में से कोई भी एक पद्धति अदल-बदल कर अपनाएं –
  • खड़े होकर शरीर को सभी दिशाओं में तनाव दें। (Stretch)
  • ठंडा पानी हाथ में लेकर चेहरे पर चार-पांच बार हल्के से फेंक (Splash) कर चेहरा धोएं और फिर धी से पोंछ लें।
  • आँखें बंद रखकर दोनों हथेलियाँ आपस में रगडे़ं। उष्णता निर्मित होगी। पोला सा आकार देकर आंखों पर रखें, हाथों का उष्ण स्पर्श आँखों को मिलेगा, उसका आनंद उठाइये, फिर चेहरे पर धीमे से मलते हुए आंखें धी-धीमे खोलें। दो मिनट में आप एकदम फ्रेश!
  • छोटा-सा विश्राम (ब्रेक) बगीचे में टहलते हुए लें, बगीचा न हो तो किसी पेड़, वनस्पति, फूलों की ओर देखते हुए आनंद लें। हरे-भरे पेड़ों के पत्तों में आपको ‘फ्रेश’ करने का जादू होता है। आवश्यकता है इस क्रिया को आनंद लेते हुए प्रसन्न मन से करने की!
  • अपनी पसंद का कोई गाना गुनगुनाएं अथवा सुनें, संगीत में एकाग्रता वृद्धि करने की विलक्षण क्षमता होती है, दिमाग में पोषक हल-चल होने लगती है। अध्ययन के लिये सहायक रसायन उत्पन्न होते हैं।
  1. आलस्य अथवा सख्ती के कारण अध्ययन करने बैठने पर अपेक्षित अध्ययन नहीं होगा। इसके विपरीत आनन्द, उत्साह, सकारात्मक दृष्टि रखते हुए अभ्यास करने बैठने पर दिमाग में डोपामाइन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोनिन जैसे हॉरमोन्स का स्राव शुरू होता है और इसी कारण पढ़ना थकाने वाला या उबाऊ नहीं लगता।
  2. सबसे महत्वपूर्ण बात स्वयं से एक प्रश्न पूछें, “मैं पढ़ाई क्यों करता हूँ?” पालकों की सख्ती के कारण, परीक्षा के अंक और नौकरी के लालच के कारण, अथवा स्वयं के आनंद और संतोष प्राप्ति हेतु? ‘मेरे अध्ययन’ हेतु किसी को मुझे याद दिलाने अथवा कोसने की आवश्यकता नहीं। वह मेरा है ऐसी ‘मानसिकता’ हो। आप दूसरों के लिये, दूसरों के कहने के कारण अभ्यास कर रहे है तो दिनभर में अट्ठारह घंटे ‘उस प्रकार’ से पढ़ाई की तो भी उपयुक्त नहीं होगा। ये कोई उपदेश नहीं है। ये है वैज्ञानिक सत्य, अनेक शोधकार्यों पर आधरित।  FURTHER READING



The Importance of Sankranti 🏵️Festival: 

1. Harvest Celebration: Sankranti is primarily a harvest festival celebrated across India.

2. Solar Transition: It marks the sun's transition into Capricorn (Makara), indicating the end of the winter solstice.

3. Cultural Diversity: Celebrated under different names in various regions - Pongal in Tamil Nadu, Lohri in Punjab, and others.

4. Auspicious Period: Considered an auspicious time for new beginnings and rituals.

5. Festive Foods: Special dishes like sesame seeds and jaggery sweets are prepared during Sankranti.

6. Kite Flying: In many regions, kite flying competitions are a popular tradition during this festival.

7. Family Reunion: Sankranti is a time for families to come together, share meals, and celebrate.

8. Bonfires and Lohri: Lohri, celebrated in Punjab, involves lighting bonfires to mark the end of winter and the lengthening of days.

9. Ritual Baths: Devotees take holy dips in rivers, symbolizing the cleansing of sins.

10. Cattle Worship: In some areas, cattle are adorned and worshipped as they play a crucial role in agriculture.

11. Uttarayan and Dakshinayan: Sankranti marks the beginning of Uttarayan, the northern journey of the sun.

12. Traditional Attire: People often dress in vibrant traditional attire during Sankranti celebrations.

13. Exchange of Gifts: Gifting is common during this festival, fostering goodwill and joy.

14. Cultural Performances: Folk dances, music, and cultural events are organized to celebrate the occasion.

15. Pongal Festival: In Tamil Nadu,

16. Pongal, a four-day harvest festival, is celebrated with much fervor.

17. Symbol of Unity: Sankranti highlights the unity in diversity, as it is celebrated with different names and customs across India.

18. Renewal of Life: The festival symbolizes the renewal of life, growth, and prosperity.

19. Agricultural Importance: Farmers express gratitude for the bountiful harvest and pray for a prosperous agricultural year.

20. Religious Significance: Many people perform puja and rituals to seek blessings during this auspicious time.

21. Joyful Atmosphere: Sankranti creates a joyful and vibrant atmosphere with a mix of cultural, religious, and social celebrations.

Information collected by Sangam Srinivas, Librarian, Kendriya Vidyalaya Kurnool.

Thursday, 11 January 2024

PMKVY

 PMKVY (pmkvyofficial.org)

Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY) is the flagship scheme of the Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) implemented by National Skill Development Corporation (NSDC). The objective of this Skill Certification scheme is to enable Indian youth to take up industry relevant skill training that will help them in securing a better livelihood.

SHORT TERM TRAINING

STT component imparted at PMKVY Training Centres (TC) is expected to benefit candidates of Indian nationality who are either school/college dropouts or unemployed. Apart from providing training according to the National Skills Qualification Framework (NSQF), TCs also impart training in soft skills, entrepreneurship, financial and digital literacy. Upon successful completion of assessment, candidates are provided placement assistance by Training Providers.

RECOGNITION OF PRIOR LEARNING

Individuals with prior learning experience or skills are assessed and certified under the RPL component of the scheme. Project Implementing Agencies (PIAs) such as Sector Skill Councils (SSCs) or any other agencies designated by MSDE/NSDC are being incentivised to implement RPL projects in any of the three models (RPL camps, RPL at employer’s premise and RPL centres). To address knowledge gaps, PIAs offer bridge courses to RPL candidates along with training on soft skills, job role related safety and hygiene practices.

SPECIAL PROJECTS

The Special Projects component of PMKVY envisages creation of a platform that will facilitate trainings in special areas and/or premises of Government bodies, corporate or industry bodies, and training in special job roles not defined under the available Qualification Packs (QPs)/National Occupational Standards (NOS). Special Projects require some deviation from the short- term training guidelines under PMKVY for any stakeholder. A proposing stakeholder can be institutions of Central or State Government(s) autonomous body/statutory body or any other equivalent body or corporate who desires to provide training to candidates.

15 Free and Best Educational Apps for Indian Students

 The list is as follows:

1. MyCBSEGuide

CBSE stands for the Central Board of Secondary Education which is a Central Board for schools in India. All CBSE schools follow the same syllabus and exam patterns. This is where MyCBSEGuide steps in! It offers all the latest news and exam syllabus for CBSE Students at one place in an easily accessible format. Not only that, students can also use this app to get their doubts clarified on any subject form the top CBSE professors and toppers within a matter of minutes!

2. Meritnation

Meritnation is another education app for Indian students where you can sign up for free! It has questions from all central and state board books ranging from 1st standard till competitive exams like JEE, UPSC, etc and the top professors of India and All-India Toppers answer those questions for free! Also, you can access exam resources inside the app as well which comes in very handy.

3. BYJU’S

BYJU’S is a very famous education app in India that acquired its place among the top apps within months of being launched. This is because of the interactive user interface that keeps the students engaged and interested! You can sign up for free on this app! Once you are done with providing information on your board and grade, the app gives you unlimited and FREE Access to thousands of educational videos, quizzes, and MOCK Tests! BYJU’S is one of the most recommended apps for Indian Students.

4. E-Pathshala

E-Pathshala is an education app for Indian Students designed by the Indian Government under its NCERT Initiative. NCERT is the main clearinghouse for any education-related information in India and the E-Pathshala app has access to all NCERT and other e-books available for free inside! Students can view and download the PDF of all the e-books without having to pay anything and can learn at the convenience of their own time and place.

5. Blinkist

Blinkist is yet another popular e-book and audiobook app for Indian students. It has audiobooks compiled by experts that have shortened the summary of every leading book in each subject so that students can fit in that extra bit of information in a very short duration of time amidst their busy schedule! The app also offers a 7-day free trial, so you can try out the app for yourself and continue with the subscription if you are satisfied with it.

6. Skillshare

Skillshare is an online video platform that offers video classes for almost any skill or topic that Indian students can think of. Graphic Designing? Cooking? Entrepreneurship? English Grammar? Yes, You got them all! It has all sorts of top educators teaching you for free or at a very minimal charge. The app also offers 2-4 months of free trials depending on the ongoing offers.

7. Duolingo

Duo- Two; Lingo – English slang for language. Indian students are very keen on learning new languages. Duolingo is a linguistic teaching app that teaches new languages in an interactive manner. It has interesting games and reminders along with quizzes that keep the students engaged and makes sure they don’t get bored while learning a new language. In short, the app is both education as well as play!

8. Amazon Kindle

Amazon Kindle is one of the leading platforms for audiobooks in India. It is not only for audiobooks but also for those minds that like to read. Kindle is one of the best apps for Indian students for e-books too. You can find almost any e-book/audiobook on the Kindle app. The best part is, it also offers free trials! Students can sign up for a free trial on the Kindle app and start reading their favourite books now.

9. UnfoldU

UnfoldU is one of the major apps for education among Indian Students. Its live tests and quick quiz options make for an interesting and engaging learning experience that is very famous among the young aspiring students in India. The app provides a free trial and the full subscription is available for a very minimal cost!

10. Goodreads

Goodreads is an e-book app for Indian Students where all the best books are divided into different genres. As we all know that books are the best and most interesting way to learn, Goodreads is the best app in India to benefit such an experience. The app has books for free as well as for a very nominal amount.

11. Photomath

Photomath is a lifesaver for all the Maths students in India! You can scan any Math equation or question inside the app and it will be answered within seconds by the app with a step by step explanation and is absolutely FREE OF COST!

12. Khan Academy

Khan Academy is an app that has brought together all the top professors of India on an online platform. You can learn almost any skill on the app for free or at the slightest charge. They also render you a degree certificate that is recognised all over India!

13. Vedantu

Vedantu is an interactive learning app for Indian students. It offers video classes on all educational topics and also hosts quiz sessions over the phone and internet. The quizzes are fun as well as rewarding which makes the students eager to learn and win! The app makes sure that every student grabs a bite of the interesting courses it has to offer.

14. Toppr

As the name suggests, Toppr is an education app for Indian Students that has the toppers of all boards and competitive exams, teaching you their topic of expertise for absolutely free! They not only provide easy and interactive ways to learn but also their MOCK Tests ensure that every student has efficiently learned what they have to offer.

15. Udemy

Last, but not least on our list is Udemy. In fact, it is one of the most recommended apps on our list! Udemy is an alternative to Skillshare where you can find video classes on almost any topic and skill you have been wanting to learn. The best part is, you can learn them for free! Udemy offers attractive trials and the interested students can opt for a full trial.

We hope you found our selective list of the best education apps for Indian students as of 2020, useful. These apps are very essential for Indian students as they not only teach your dream skills and topics in a reciprocating and fun way but also for free!

In today’s world of increasing expenses and busy schedules, what can be better than learning at the convenience of your own time and place at absolutely no cost?

SOURCE

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