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Friday, 12 September 2025

हिंदी पखवाड़ा पुस्तक प्रदर्शनी 2025


 विषय: 
सशक्त शिक्षार्थी -समृद्ध भविष्य की ओर


 "केंद्रीय विद्यालय में हिंदी का मान, 

पुस्तक प्रदर्शनी से बढ़े सम्मान!" 


आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, अभिभावकों, और मेरे प्रिय विद्यार्थियों,

नमस्कार।

PM SHRI KV OCF Sector 29 Chandigarh में आयोजित हिंदी पखवाड़ा पुस्तक प्रदर्शनी  2025 में आपका हार्दिक स्वागत है। 

दिनांक: 14 सितम्बर से 25 सितम्बर 2025 यह प्रदर्शनी हिंदी भाषा, साहित्य और पठन संस्कृति के उत्सव का प्रतीक है। 

आइए, पुस्तकों की दुनिया में खो जाएं और हिंदी की समृद्ध विरासत को नमन करें।

---हिंदी भाषा, साहित्य और पठन संस्कृति का उत्सव---
  • आज हम सब यहाँ एक विशेष उद्देश्य से एकत्रित हुए हैं—हिंदी पखवाड़ा पुस्तक प्रदर्शनी के शुभारंभ के लिए। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि हमारी मातृभाषा हिंदी के प्रति सम्मान, साहित्य के प्रति प्रेम, और पठन संस्कृति को बढ़ावा देने का एक सुंदर प्रयास है।

    हिंदी, हमारी आत्मा की भाषा है। यह वह माध्यम है जिससे हम अपने विचारों को सहजता से व्यक्त करते हैं, अपनी संस्कृति को समझते हैं, और अपने इतिहास से जुड़ते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम न केवल पुस्तकों को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि विद्यार्थियों को एक ऐसी यात्रा पर आमंत्रित कर रहे हैं जहाँ हर पृष्ठ एक नया अनुभव है, हर कहानी एक नई सीख है।

    PM SHRI KV OCF Sector 29 Chandigarh में हम सदैव प्रयासरत रहते हैं कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, बल्कि वह सोच, संवेदना और सृजनशीलता को भी पोषित करे। यह प्रदर्शनी उसी दिशा में एक कदम है।अंत में, मैं इस आयोजन की परिकल्पना और क्रियान्वयन में लगे सभी सहयोगियों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ। आइए, हम सब मिलकर हिंदी को उसके योग्य स्थान दें और इस प्रदर्शनी को एक प्रेरणादायक अनुभव बनाएं।

    धन्यवाद। जय हिंदी। जय भारत।

    मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करता हूँ कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं—
  • नई पुस्तकें पढ़ें, अपने विचार साझा करें, और हिंदी साहित्य की विविधता को महसूस करें।
  •  शिक्षकगण और अभिभावकों से भी निवेदन है कि वे बच्चों को प्रोत्साहित करें, 
  • उनके साथ पढ़ें, और इस उत्सव को एक सामूहिक अनुभव बनाएं।

  • .
    हिंदी पखवाड़ा पुस्तक प्रदर्शनी 2025
  • हिंदी साहित्य : 

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  • हिंदी केवल भाषा नहीं, हमारी संस्कृति की आत्मा है।

  • इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में पठन रुचि और साहित्यिक चेतना को जागृत करना है।

  • पुस्तकें हमें सोचने, समझने और बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती हैं।

  • आइए हम सब मिलकर हिंदी को सम्मान दें और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।


  • 📚✨ साहित्य और भाषा को समर्पित नारे: गतिविधि 

      कक्षा VI-VIII 

    के सभी विद्यार्थी 

     A-4 या A-3 

    शीट पर आप  सभी ये नारे लिख कर लाएगें ......

    सुंदर सजावट के साथ 

    तो उन्हें भी प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा 

    आपके  नाम के साथ ..


    1. "हिंदी है हमारी शान, पुस्तकों से बढ़े ज्ञान!"

    2. "पढ़ो हिंदी, बढ़ाओ सोच—पुस्तकें हैं ज्ञान की खोज!"

    3. "पुस्तक प्रदर्शनी में आइए, हिंदी साहित्य को अपनाइए!"

    4. "हिंदी में पढ़ना है गर्व की बात, पुस्तकें हैं सच्ची सौगात!"

    5. "ज्ञान का दीप जलाएं, हिंदी पुस्तकों को अपनाएं!"

    6. "हिंदी पखवाड़ा मनाएं, पुस्तक प्रेम जगाएं!"

    7. "पुस्तकें बोलती हैं, हिंदी में सोचती हैं!"

    8. "हिंदी दिवस पर लें संकल्प—हर दिन पढ़ें एक पुस्तक!"

    9. "हिंदी साहित्य का उत्सव, पुस्तक प्रदर्शनी का संगम!"

    10. "हिंदी में है आत्मा की आवाज़—आओ पढ़ें, समझें, और अपनाएं!"





    1. पढ़ो और बढ़ो – ज्ञान ही शक्ति है।

    2. किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं।

    3. पढ़ना एक आदत नहीं, एक जीवनशैली है।

    4. जो पढ़ता है, वो आगे बढ़ता है।

    5. पुस्तकें खोलें – दुनिया को जानें।

    6. पढ़ाई से ही उज्ज्वल भविष्य की राह बनती है।

    7. ज्ञान का दीप जलाओ – अज्ञानता मिटाओ।

    8. पढ़ना है तो जीतना है।

    9. हर दिन एक नई किताब – हर दिन एक नया विचार।

    10. पढ़ने से सोच बनती है, सोच से समाज।


    “हिंदी, हमारी मातृभाषा, हमारी संस्कृति की आत्मा है…” 

    “हर पुस्तक एक नई दृष्टि देती है…” 

    “आइए, इस साहित्यिक यात्रा में शामिल हों…”

  • हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और गर्व को बढ़ावा देना

  • विद्यार्थियों में पुस्तक संस्कृति को प्रोत्साहित करना

  • साहित्यिक अभिव्यक्ति और रचनात्मकता को मंच देना

  • “पढ़ो हिंदी, बढ़ाओ सोच—पुस्तकें हैं ज्ञान की खोज!”

  • “हिंदी में पढ़ना है गर्व की बात, पुस्तकें हैं सच्ची सौगात!”

  • “हिंदी दिवस पर लें संकल्प—हर दिन पढ़ें एक पुस्तक!”



  • “यह प्रदर्शनी केवल देखने का नहीं, अनुभव करने का अवसर है।”


    आपको अपनी पुस्तकालय उत्तर पुस्तिका में इस अनुभव को लिखना भी है 1

    आप इस अनुभव को लिखने और बताने में सक्षम बने...




    “हिंदी साहित्य का उत्सव—ज्ञान, संस्कृति और सृजन का संगम!”


    यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है।
    कभी हिन्दी वर्णमाला का क्रमबद्ध इतना सुन्दर प्रयोग देखा है। 
    आप भी अद्भुत अद्वितीय अविस्मरणीय कह उठेंगे.

    "अ"चानक
    "आ"कर मुझसे
    "इ"ठलाता हुआ पंछी बोला
    "ई"श्वर ने मानव को तो
    "उ"त्तम ज्ञान-दान से तौला
    "ऊ"पर हो तुम सब जीवों में
    "ऋ"ष्य तुल्य अनमोल
    "ए"क अकेली जात अनोखी
    "ऐ"सी क्या मजबूरी तुमको
    "ओ"ट रहे होंठों की शोख़ी
    "औ"र सताकर कमज़ोरों को
    "अं"ग तुम्हारा खिल जाता है
    "अ:"तुम्हें क्या मिल जाता है.?
    ................

    "क"हा मैंने- कि कहो
    "ख"ग आज सम्पूर्ण
    "ग"र्व से कि- हर अभाव में भी
    "घ"र तुम्हारा बड़े मजे से
    "च"ल रहा है
    "छो"टी सी- टहनी के सिरे की
    "ज"गह में, बिना किसी
    "झ"गड़े के, ना ही किसी
    "ट"कराव के पूरा कुनबा पल रहा है
    "ठौ"र यहीं है उसमें
    "डा"ली-डाली, पत्ते-पत्ते
    "ढ"लता सूरज
    "त"रावट देता है
    "थ"कावट सारी, पूरे
    "दि"वस की-तारों की लड़ियों से
    "ध"न-धान्य की लिखावट लेता है
    "ना"दान-नियति से अनजान अरे
    "प्र"गतिशील मानव
    "फ़"ल के चक्कर में 
    "ब"न बैठे हो असमर्थ
    "भ"ला याद कहाँ तुम्हें
    "म"नुष्यता का अर्थ.?
    "य"ह जो थी, प्रभु की
    "र"चना अनुपम...
    "ला"लच लोभ के 
    "व"शीभूत होकर
    "श"र्म-धर्म सब तजकर
    "ष"ड्यंत्रों के खेतों में
    "स"दा पाप-बीजों को बोकर
    "हो"कर स्वयं से दूर
    ..........
    "क्ष"णभंगुर सुख में अटक चुके हो
    "त्रा"स को आमंत्रित करते हुए
    "ज्ञा"न-पथ से भटक चुके हो।
     🌹🌹🌹🌹




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