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Saturday, 13 September 2025

एक आदमी की ज़िंदगी, 20 लाख किताबों और ज्ञान की दुनिया

 


एक आदमी की ज़िंदगी, 20 लाख किताबों और ज्ञान की दुनिया

यह कहानी है 75 साल के अंके गोडा की, जो कर्नाटक के हरेलहल्ली गाँव में रहते हैं। उन्होंने अपने जीवन के 50 से अधिक साल लगभग 20 लाख किताबों का संग्रह बनाने में समर्पित कर दिए। इस संग्रह में 5 लाख दुर्लभ विदेशी किताबें और 5,000 से अधिक बहुभाषी शब्दकोश शामिल हैं।

अंके की यह यात्रा 20 साल की उम्र में शुरू हुई, जब वह बस कंडक्टर के रूप में काम करते थे और उसी समय कॉलेज में कन्नड़ साहित्य में मास्टर्स कर रहे थे। कॉलेज प्रोफेसर अनंथारामु की प्रेरणा और उत्साह ने उन्हें किताबें इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया। अपनी ज़िंदगी की अधिकांश आय उन्होंने किताबों पर खर्च की, और अपने संग्रह को बढ़ाने के लिए उन्होंने मैसूरू का अपना घर भी बेच दिया।

अंके गोडा का यह जुनून केवल संग्रह तक सीमित नहीं था। उन्होंने अपने घर को छोड़कर लाइब्रेरी भवन में सादगीपूर्ण जीवन अपनाया, वहाँ सोते और खाने की व्यवस्था खुद करते हैं, ताकि उनका मिशन हमेशा चलता रहे। उनके साथ उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी और बेटे सागर भी इस जीवनपर्यंत मिशन में हमेशा उनके साथ हैं।

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