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MY DEAR STUDENTS AND TEACHERS - THIS BLOG IS A DIGITAL GIFT TO YOU ALL -SO LEARN LIFE SKILLS. IMPROVE READING, WRITING, LISTENING & SPEAKING SKILLS, WORK ON SCIENCE OR/AND SOCIAL SCIENCE PROJECTS. GIVE COMMENTS BY CLICKING - NO COMMENTS- BUTTON. USE SEARCH WINDOW FOR FASTER RESULTS. TALK TO YOUR LIBRARIAN ON ANY TOPIC, ANY TIME ANYWHERE: Mob: 8901549120."If you can't go out, go within." "Work on your intrapersonal communication to master your interpersonal communication" Gratitude and blessings are key to success of hard work

Sunday, 31 July 2016

Social science Exhibition.....

School Level Social Science Exhibition...
29.07.2016










In news...29 07 2016







मुंशी प्रेम चन्द....जयंती

एक ऐसी शख्सियत जिसके लिए 'कर्मभूमि' कागज थी, तो 'रंगभूमि' कैनवास। इन कागजों के कैनवास पर युद्ध करते-करते न जाने कितनी 'निर्मला' उन्होंने रंग दीं। इस रंग भरने की कोशिश के दौरान उन्होंने कभी भी शब्दों का 'गबन' नहीं किया-जो भी लिखा बिना लाग-लपेट के।

सामाजिक वैषम्यताओं, आर्थिक मुश्किलों, दैहिक आवश्यकताओं को तार-तार करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी। उनके लिए शब्द दान 'गोदान' भी था और महाभोज भी। 1880 से लेकर 1936 यानी 56 साल की अवधि के दौरान उन्होंने साहित्य की यह 'सेवा' -विपन्नताओं,तकलीफों, वैषम्यताओं तथा देश, काल व समाज की अन्य मुश्किलों के 'सदन' में रहकर।

साहित्य समाज का दर्पण होता है और स्व का चित्रण भी। व्यक्ति जितना भोगता है, जितना सहन करता है, जिसका प्रत्यक्ष गवाह होता है वह गाहे-बगाहे अपनी कलम के माध्यम से पाठकों के सामने परोस देता है। इस थाली में परोसे गए भोज्य पदार्थ में साहित्यकार की संवेदना, अंतर्वेदना, मनोवेदना का वही अनुपात-समानुपात होता है, जो हम दैनिक जीवन में हम देखते हैं, भोगते हैं, निरपेक्ष भाव से ग्रहण कर लेते हैं। फिर किसी भी समाज में दुख का अनुपात सुख को हमेशा मात देता है तो साहित्य भी कैसे अछूता रह सकता है।

इस 'कलम के सिपाही' में ये सब भावनाएँ कूट-कूट कर भरी हुई थी। प्रेमचंद ने अपनी संवेदनाएँ, होरी-धनिया, गोबर-झुनिया, अमरकांत, सूरदास आदि के माध्यम से व्यक्त की है। असहनीय गरीबी के लम्हों को बिल्कुल ठंडे दिमाग से झेलने की क्षमता, चट्टानों से बिना आपा खोये निपटने की जिजीविषा हममें आदरभाव भर देती है। दूसरी ओर मातादीन जैसे पात्र को समझने पर हमारे मन में उपेक्षा भाव ज्यादा होता है, घृणा भाव कम।

हर समाज अच्छे-बुरे का हेट्रोजीनियस (विषमांगी) मिश्रण होता है। बुरा कितना भी बुरा क्यों न हो - वह घृणित नहीं होता है। वह किसी भी समाज की आवश्यक बुराई की तरह होता है, इसलिए उसे वैसा ही स्वीकार करने की कला सुझाने का श्रेय मुंशी प्रेमचंद को जाता है। दरअसल प्रेमचंद के बारे में लिखते समय एक कहानी का नाम लिखो तो यकायक जेहन में दूसरा नाम आ जाता है। --- आओ.हम उनकी जयँती को विशेष बनाते हैं और  उन्हें शत् शत् नमन करते....... हैं

स धन्यवाद सोशल मीडिया.....

Friday, 29 July 2016

चित्रकारी प्रतियोगिता....2016

Thursday, 28 July 2016

|| Free e-Library ||

यह ई पुस्तकालय है,

 जिसमें दर्जनों अमूल्य ग्रंथों के PDF सहेजे गए हैं, ताकि यह अधिक से अधिक लोगों के काम आ सकें, धर्म और राष्ट्र संबंधी विषय पर PDF में अमूल्य पुस्तकें इन लिंक में संग्रहित हैं, आप विषय देखकर लिंक खोलें तो बहुत सी पुस्तकें मिलेंगी, सभी पुस्तकें आप निशुल्क download कर सकते हैं, इन लिंक्स में सैकड़ों किताबें हैं, जो कई पीढ़ियों की मेहनत का फल हैं, इस हिंद महासागर से मोती चुन लें........
Swami Dayananda - स्वामी दयानंद रचित :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRZnUxOEpPSVBHVzQ/edit
Aadi Shankaracharya - आद्य शंकराचार्य :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRallkZ0VIWnRPVjA
Sri Aurobindo - श्री अरविंदो :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRSWktaVFPa2tSa2s
Swami Vivekanand - स्वामी विवेकानन्द :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRMFAtTi1yUFAzdW8
Swami Ramteerth - स्वामी रामतीर्थ :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRNGlYZzhqTEQtcU0
Sitaram Goel - सीताराम गोयल :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRT19aT3pnZ0tvODA
Veer Savarkar - वीर सावरकर :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRbE0wQng5YVZmb1E
Swami Shivanand - स्वामी शिवानंद :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRYXJDclQwYTBfWFk
हिन्दू, राष्ट्र व हिन्दुराष्ट्र :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRNW1scHdGMHQzZ0U/edit
Basic Hinduism -
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRTXdpN29OTUQ0Q3c
Hindutva and India :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRNzh0MXhyRVpiVEE
Autobiography - आत्मकथाएं :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRbEpPUGcydTZlWDQ
धर्म एवं आध्यात्म -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRRzViUEdGMnI2Smc/edit
यज्ञ Yajna -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRUThPYWlldEd6NVE/edit
Brahmcharya - ब्रह्मचर्य :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRNzJmbWpSYmg5bjQ
Yog - योग :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRcWZ1NzBoWER2Tkk
Upanishad - उपनिषद :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRNDJiQVFDbVFjbGc/edit
Geeta - श्रीमद्भगवद्गीता :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRWk9KVno2V3NNLXM
Manu and pure Manusmriti - महर्षि मनु व शुद्ध मनुस्मृति :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRTXlYQUJhUXNWM00
Valmeeki and Kamba Ramayan - वाल्मीकि व कम्ब रामायण :-
https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRa18yTE5EM1Z3Zk0
Books on Vedas - वेदों पर किताबें :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRSU9OVzBfbENTcDg/edit
Maharshi Dayananda - महर्षि दयानंद समग्र :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRN2RzYVdFZWI1a0U/edit

-------------Complete commentaries on Veda - सम्पूर्ण वेद भाष्य --------
Introduction to the Commentary on the 4 Vedas - ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका :-
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRejNEaUo1RERJdFE/edit
RigVeda - ऋग्वेद सम्पूर्ण -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfROXl0b3B0RFpkWEE/edit
YajurVeda - यजुर्वेद सम्पूर्ण -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRby02cXFWbnQ2b2M/edit
SamaVeda - सामवेद सम्पूर्ण -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRNnh4ZG5PdUJ2bkU/edit
AtharvaVeda - अथर्ववेद सम्पूर्ण -
https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRMFFXcU9waVl4aDQ/edit

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