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Friday, 23 April 2021

World Book Day 2021

World book and copy right day




23 अप्रैल को पठन, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढावा देने के ललए मनाया जाता है| यह लदवस यूनेस्को और दुलनया भर के अन्य संबंलित संगठनों द्वारा लेखकों, पुस्तकों को दुलनया भर में सम्मान देने, पढने की कला को बढावा देने इत्यालद के ललए मनाया जाता है| 

COVID-19 के कारण दुलनया भर में अलिकांश शैलिक संस्थान और पुस्तकालय बंद हैं, लोग अपना समय बाहर नहीं लबता रहे हैं. इसललए, यह समय लोगों के बीच संबंिों को मजबूत करने, लदमाग और रचनात्मकता का उपयोग करके अपने लिलतज का लवस्तार करने में पुस्तकों की शक्ति का उपयोग करने का है| विश्व पुस्तक वििस: इविहास यूनेस्को ने 23 अप्रैल को लवश्व पुस्तक लदवस के रूप में चुना है, इस लदन लवललयम शेक्सलपयर (William Shakespeare), लमगुएल डे सवंट्स (Miguel de Cervantes) और इंका गालसिलसो डे ला वेगा (Inca Garcilaso de la Vega) सलहत महान सालहत्यकारों की इसी लदन मृत्यु हुई थी. 

आपको बता दें लक 23 अप्रैल और लकताबों के बीच का संबंि सबसे पहले 1923 में स्पेन के बुकसेलसि (booksellers) ने लमगुएल डे सवंट्स (Miguel de Cervantes) को सम्मालनत करने के ललए बनाया था, लजनकी आज ही के लदन मृत्यु हो गई थी. 1995 में, इस तारीख को पेररस में आयोलजत यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रें स द्वारा दुलनया भर में लेखकों और पुस्तकों को श्रद्ांजलल और सम्मान देने के ललए अंलतम रूप लदया गया था. इस अवसर पर, पुस्तकों और लेखकों को दुलनया भर में श्रद्ांजलल दी जाती है और लोगों को पढने के आनंद की खोज के ललए प्रोत्सालहत लकया जाता है. इस लदन उन लोगों को भी सम्मान लदया जाता है लजन्ोंने सामालजक और सांस्कृ लतक प्रगलत में अपूरणीय योगदान लदया है. सलहष्णुता की सेवा में बच्ों और युवा लोगों के सालहत्य के ललए यूनेस्को पुरस्कार प्रदान लकया जाता है. साथ ही, यह लदन कॉपीराइट कानूनों और बौक्तद्क कॉपीराइट की सुरिा के अन्य उपायों के बारे में लोगों के बीच समझ को भी बढाता है| 

पुस्तको के पठन- पाठन को बढावा देने के ललए लवश्व पुस्तक राजिानी घोलित करने की परम्परा यूनेस्को द्वारा 2001 से शुरु की गई थी| पुस्तकों और पढने के उत्सव को बनाए रखने के ललए, वर्ल्ि बुक कै लपटल को यूनेस्को की कै लपटल परामशि सलमलत की संस्तुलत पर प्रकाशकों, बुकसेलर और पुस्तकालयों का प्रलतलनलित्व करने वाले अन्य संगठनों के ललए चुना जाता है.जॉवजसया के विब्लिसी शहर को यूनेस्को की विश्व पुस्तक कै वपटल 2021 चुना गया है| COVID-19 के कारण इस विि यह लदवस ऑनलाइन मनाया जा रहा है| 

आमतौर पर हमें अपने बच्ों के साथ पढने का समय नहीं लमलता है. वतिमान क्तस्थलत के अनुसार जहां पूरी दुलनया COVID-19 से जूझ रही है, सकारात्मक रूप से हम यह समय पढने के महत्व को महसूस करने, पाठकों के रूप में बच्ों के लवकास को बढावा देने और सालहत्य के प्रलत आजीवन प्रेम उत्पन्न करने का है| कॉपीराइट (copyright is a legal right ) भारत में 21 जनवरी 1958 को कॉपीराइट एक्ट लागूहुआ था, लजसमे अभी तक 6 संसोिन लकये जा चुके है|कॉपीराइट को बोक्तद्क संपदा अलिकार के नाम से भी जाना जाता है| भारत का कॉपीराइट आलिस नई लदल्ली के अगस्त क्ांलत भवन में क्तस्थत है|

 कॉपीराइट एक्ट 1958 के अंतगित लेखक, नाटकीय, संगीत, आलटिक्तिक कायि के ललए owner को जीवन भर और owner के लनिन से 60 विि तक अलिकार रहता है | जबलक अमेररका में लनिन से 70 विि तक अलिकार रहता है | भारत सरकार के उच् लशिा लवभाग की नोडल एजेंसी “Raja Rammohun Roy National Agency for ISBN” 13 लडलजट का ISBN संख्या प्राप्त होते ही लेखक या प्रकाशक को कॉपीराइट लमल जाता है | आप सभी की पुस्तको में verso पेज ( टाइटल पेज के पीछे का पेज) पर कॉपीराइट का प्रतीकात्मक लचन् © बना होता है, यह यह सूलचत करता है लक लकताब का अलिकार लेखक के पास है या प्रकाशक के पास| कोई भी रचनाकार अपने नाटकीय, संगीत, आलटिक्तिक कायि के ललए पेटेंट करा लेता हैउसे कॉपीराइट अलिकार प्राप्त हो जाते है , इसके बाद कोई भी उसके प्रोडक्ट की नकल नही कर सकता है, कोई प्रोडक्ट की नकल करना चाहता है तो उसे owner से अनुमलत लेनी होगी, अनुमलत न लेने पर उस पर सालहत्य चोरी एक्ट के तहत कायिवाही की जा सकती है | उदाहरण- महात्मा गााँिी का लनिन 30 जनवरी 1948 को हुआ था. गांिी के लनिन हुए 2008 में 60 विि हो चुके है, 2008 के बाद गांिी द्वारा ललखी गई पुस्तको (वहन्द स्वराज, दलिण अरीका में सत्याग्रह, मेरे सपनों का भारि , ग्राम स्वराज )को कोई भी कहीं भी कॉपी कर सकता है 

| कु छ लोग सूचना के आभाव या चंचलता में लकसी अन्य द्वारा ललखी गई कहानी, कलवता आलद अपने नाम से समाचार पत्र या पलत्रकाएाँ में छपवाते है, उनके क्तखलाि भी कॉपीराइट एक्ट 1958 के अंतगित कायिवाही हो सकती है | कु छ लोग लकसी अन्य द्वारा ललखी गई कहानी, कलवता आलद अपने नाम से समाचार पत्र या पलत्रकाएाँ में छपवाते है, सोचते हे लक लकसी को पता नही चलेगा, सालहत्य चोरी का पता लगाने के ललए पुक्तिक डोमेन में बहुत से सॉफ्टवेर है, इन सॉफ्टवेर के द्वारा आसानी सेसलहत्य चोरी को पकड़ा जा सकता है भारत सरकार ने भी सालहत्य चोरी को गंभीर अपराि मानते हुए 31 जुलाई 2018 को कानून बनाया है लजसके तहत कायिवाही सुलनलित की जा सके | https://www.ugc.ac.in/pdfnews/7771545_academic-integrityRegulation2018.p 

हाल ही में इलेक्टर ॉलनक्स और सूचना प्रौद्योलगकी मंत्रालय, भारत सरकार ने ऑनलाइन सोशल मीलडया उपयोगकतािओं के ललए नई मध्यस्थ लदशालनदेश जारी लकए हैं, लजससे सोशल मीलडया का दुरपयोग करनेवाले व्यक्ति पर कानूनी कायिवाही की जा सके | यह लदशालनदेश 25 िरवरी 2021 से प्रभावी हैं। इसके अंतगित कोई भी उपयोगकताि सोशल मीलडया (वाट्सअप,िे सबुक,िॉग,लिटर) पर ऑनलाइन सामग्री को लवना अनुमलत के (समाचार पत्र, पलत्रका, पुस्तक, ररपोटि, प्रपत्र, अलभलेखों) पढा जा सकता है लेलकन प्रसाररत नही लकया जा सकता है| इस प्रकार बहुत से लदशालनदेश जारी लकए हैं| https://mib.gov.in/sites/default/files/DigitalMediaEthicsCodeRulesNotification.pdf 

( SOURCE file:///C:/Users/hp/Downloads/23%20APRIL-%20BOOKS%20AND%20COPYRIGHT%20DAY%20(1).pdf   कें द्रीय विद्यालय एन.एच.पी.सी. चमेरा –II रीडसस क्लब ज्ञान गंगा श्रंखला-3 23 अप्रैल – विश्व पुस्तक एिं कॉपीराइट वििस 

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World Book Day changes lives through a love of books and shared reading. Our mission is to promote reading for pleasure, offering every child and young person the opportunity to have a book of their own. Reading for pleasure is the single biggest indicator of a child’s future success – more than their family circumstances, their parents’ educational background or their income. We want to see more children, particularly those from disadvantaged backgrounds, with a life-long habit of reading for pleasure and the improved life chances this brings them. Designated by UNESCO as a worldwide celebration of books and reading, World Book Day is marked in over 100 countries around the globe. https://www.worldbookday.com/about-us/ 



ONLINE LIBRARY TIME TABLE FOR III-XII-2021-22



TIME TABLE FOR OFFLINE  LIBRARY CLASS III-XII

 

1

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3

4

5

6

 


MON

 


TUES

 


 

WED

 



THUS

 



FRI



 


SAT

 

 



Saturday, 17 April 2021

ALL ABOUT CORONA









For telephonic guidance on COVID-19 from 8 am to 12 noon - 
Dr Tushar Shah.   9321469911
Dr M Bhatt.           9320407074
Dr D Doshi.           9820237951
Dr D Rathod.         8879148679
Dr R Gwalani.        8779835257
Dr D Kansara.       8369846412

For telephonic guidance on Covid-19 from 12 to 4 pm - 
Dr G Kamath.      9136575405
Dr S Manglik.       9820222384
Dr J Jain.             7021092685
Dr A Thakkar.      9321470745
Dr L Bhagat.        9820732570
Dr N Shah.           9821140656
Dr S Phanse.        8779328220
Dr J Shah.            9869031354

For telephonic guidance on Covid-19 from 4 to 8 pm - 
Dr N Zaveri.        9321489748
Dr S Ansari.        7045720278
Dr L Kedia.          9321470560
Dr B Shukla.        9321489060
Dr S Halwai.        9867379346
Dr M Kotian.        8928650290

For telephonic guidance on Covid-19 from 8 to 11 pm - 
Dr N Kumar.           8104605550
Dr P Bhargav.        9833887603
Dr R Chauhan.       9892135010
Dr B Kharat.           9969471815
Dr S Dhulekar.        9892139027
Dr S Pandit.           9422473277

 P.S. - Another excellent helpline (24×7) has been initiated by Indian Medical Association. 
The numbers are +919999672238 and +919999672239.
 

Sunday, 4 April 2021

Whom to Salute ! *?*

 Story of the Day......

Whom to Salute ! *?*

*APJ or  Manekshaw*....


Read interesting one


*When Dr.Abdul Kalam was the President, he visited Coonoor. On reaching, he came to know that Field Marshall Sam Manekshaw was in the Military Hospital there. Dr.Kalam wanted to visit Sam, which was unscheduled. Arrangements were made. At the bedside, Kalam spent abt 15 minutes talking to Sam & enquiring abt his health.*

 

*Just before leaving Kalam asked Sam "Are you comfortable? Is there anything I could do? Do you have any  Grievance ? or any  requirement that would make you more comfortable?"*


*Sam said "Yes Your Excellency, I have one grievance". Shocked with concern & anguish , Kalam asked him what it was .* 


*Sam replied" Sir, my grievance is that I am not able to get up & Salute my most respected  President of my beloved country". Kalam held Sam's hand as both were in tears.*


*But the remaining part of the tale with regarding this meeting is that Sam did tell APJ that he was not paid the pension of the Field Marshall’s rank till then, for nearly twenty years.*


*An aghast President went to Delhi and passed the pension with arrears within a week and sent the cheque of nearly Rs.1.25 crores through the Defence Secretary by a special plane to Wellington, Ooty, where Sam was ailing.*


*That is the greatness of APJ. But then Sam received the cheque and promptly donated it to the Army Relief fund.*


*Whom will you salute now?*


*Indeed those real Heroes are Missing Today.*

🙏🇮🇳🙏👍🏻🙏🇮🇳🙏👍