" TO DEVELOP CREATIVITY, INNOVATION, LIFE SKILLS, SCIENTIFIC TEMPERAMENT & LANGUAGE SKILLS APART FROM CAREER COUNSELLING AND PERSONALITY DEVELOPMENT” " PLUS TO CATER ALL THE INFORMATION NEEDS OF KVS TEACHERS AND STUDENTS. WE ACKNOWLEDGE OUR SINCERE THANKS TO ALL KNOWN & UNKNOWN CONTRIBUTORS ON WEB, WHERE SOURCE IS UNKNOWN / UNTRACEABLE/LINKED (THIS IS AN ERSTWHILE " KV REWARI LIBRARY " BLOG URL-kvrewarilibrary.blogspot.com TILL 30.09.2019.)
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Saturday, 29 December 2018
Thursday, 27 December 2018
Friday, 21 December 2018
किताबें झाँकती हैं बंद ,,,,,,गुलज़ार ।
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर्दों पर
बड़ी बेचैन रहती हैं क़िताबें
उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है
जो कदरें वो सुनाती थी कि जिनके
जो रिश्ते वो सुनाती थी वो सारे उधरे-उधरे हैं
कोई सफा पलटता हूँ तो इक सिसकी निकलती है
कई लफ्ज़ों के मानी गिर पड़े हैं
बिना पत्तों के सूखे टुंड लगते हैं वो अल्फ़ाज़
जिनपर अब कोई मानी नहीं उगते
जबां पर जो ज़ायका आता था जो सफ़ा पलटने का
अब ऊँगली क्लिक करने से बस झपकी गुजरती है
किताबों से जो ज़ाती राब्ता था, वो कट गया है
कभी सीने पर रखकर लेट जाते थे
कभी गोदी में लेते थे
कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकर
नीम सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से
वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी
मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल
और महके हुए रुक्के
किताबें मँगाने, गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे
उनका क्या होगा
वो शायद अब नही होंगे!!
https://www.facebook.com/ZindagiGulzarHaiOnline/videos/272693683421878/
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर्दों पर
बड़ी बेचैन रहती हैं क़िताबें
उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है
जो कदरें वो सुनाती थी कि जिनके
जो रिश्ते वो सुनाती थी वो सारे उधरे-उधरे हैं
कोई सफा पलटता हूँ तो इक सिसकी निकलती है
कई लफ्ज़ों के मानी गिर पड़े हैं
बिना पत्तों के सूखे टुंड लगते हैं वो अल्फ़ाज़
जिनपर अब कोई मानी नहीं उगते
जबां पर जो ज़ायका आता था जो सफ़ा पलटने का
अब ऊँगली क्लिक करने से बस झपकी गुजरती है
किताबों से जो ज़ाती राब्ता था, वो कट गया है
कभी सीने पर रखकर लेट जाते थे
कभी गोदी में लेते थे
कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकर
नीम सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से
वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी
मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल
और महके हुए रुक्के
किताबें मँगाने, गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे
उनका क्या होगा
वो शायद अब नही होंगे!!
https://www.facebook.com/ZindagiGulzarHaiOnline/videos/272693683421878/
WINTER BREAK -2018
VIDALAYA WILL REMAIN CLOSED
FROM
22.12.2018
TO
13.01.2019.
.
.
Happy New Year
To
You
All
22.12.2018
TO
13.01.2019.
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Happy New Year
To
You
All
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प्राचार्य, के.वि. रेवाड़ी द्वारा सभी बच्चों के अभिभावकों से एक अपील
1. शाम 8:00 बजे तक टीवी बंद कर दें। टीवी पर आठ बजे के बाद आपके बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है।
2. अपने बच्चे की स्कूल डायरी देखने के लिए 30-45 मिनट निकालिए। उसके गृहकार्य पूरे कराइए।
3. रोज सभी विषयों में उनका प्रदर्शन देखिए। उन विषयों का खास ध्यान रखिए जिसमें वह कमजोर है / अच्छा नहीं कर रहा है।
4. उनकी बुनियादी शिक्षा भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
5. उन्हें सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए 5:30 बजे तक। उन्हें मेडिटेशन ध्यान लगाने का प्रशिक्षण दीजिए।
6. अगर आप पार्टी / सामाजिक आयोजन में जाते हैं और बच्चों के साथ इसमें देर रात तक मजे करते हैं तो अगले दिन बच्चे को आराम करने दीजिए (स्कूल मत भेजिए) अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अगले दिन स्कूल जाए तो रात 10:00 बजे तक घर लौट आइए।
7. अपने बच्चे में पौधे लगाने और उनका ख्याल रखने की आदत का विकास कीजिए।
8. सोने के समय अपने बच्चों को पंचतंत्र, अकबर-बीरबल, तेनाली राम आदि की कहानी सुनाइए।
9. हर साल गर्मी की छुट्टी में (अपने बजट के अनुसार) कहीं घूमने जाइए। इससे वे अलग लोगों के साथ और अलग जगहों पर रहना सीखते हैं।
10. अपने बच्चे की प्रतिभा का पता लगाइए और उसे इसे निखारने में सहायता कीजिए (वह किसी विषय, संगीत, खेल, अभिनय, चित्रांकन, नृत्य आदि में दिलचस्पी रख सकता है)। इससे उसका जीवन आनंददायक हो जाएगा।
11. उसे सीखाइए कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए (कम से कम गर्म चीजें प्लास्टिक में उपयोग न करें) ।
12. प्रत्येक बच्चे जन्म से वैज्ञानिक होते हैं उनके पास ढेरों सवाल होते हैं मुमकिन है हम जवाब न दें पर जानकारी न होने के कारण हमें सवाल पर गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए। (उत्तर पता करने की कोशिश कीजिए औऱ उन्हें बताइए)
13. उन्हें अनुशासन और जीने के बेहतर तरीकों के बारे में बताइए। (सही गलत के बारे में समझाइए)
14. उनमे खुद पढ़ने और सीखने की आदत डालिए।
15. उन्हें मोबाइल फोन का उपयोग न करने दिया जाए, आवश्यक होने पर अपनी देखरेख में ही मोबाइल का उपयोग करने दिया जाए।
16. बच्चे को अपने काम में सहायता करने के लिए कहिए। (इसमें खाना बनाना, सफाई, चीजों को व्यवस्थित करना शामिल है।)
17. और सबसे महत्त्वपूर्ण कि हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी देने चाहिए ताकि वो जीवन में सफल और सही इन्सान बन सके। हमें अपने अनुभव के आधार पर अपने बच्चों का जीवन सुंदर और स्वस्थ बनाने में उनकी सहायता करना चाहिए |
बच्चों की उत्तम शिक्षा एवं सफलता के लिए समय-समय पर विद्यालय द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना कर विद्यालय परिवार का सहयोग करें |
धन्यवाद
प्राचार्य
के.वि.कोनसीवास,रेवाड़ी
1. शाम 8:00 बजे तक टीवी बंद कर दें। टीवी पर आठ बजे के बाद आपके बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है।
2. अपने बच्चे की स्कूल डायरी देखने के लिए 30-45 मिनट निकालिए। उसके गृहकार्य पूरे कराइए।
3. रोज सभी विषयों में उनका प्रदर्शन देखिए। उन विषयों का खास ध्यान रखिए जिसमें वह कमजोर है / अच्छा नहीं कर रहा है।
4. उनकी बुनियादी शिक्षा भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
5. उन्हें सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए 5:30 बजे तक। उन्हें मेडिटेशन ध्यान लगाने का प्रशिक्षण दीजिए।
6. अगर आप पार्टी / सामाजिक आयोजन में जाते हैं और बच्चों के साथ इसमें देर रात तक मजे करते हैं तो अगले दिन बच्चे को आराम करने दीजिए (स्कूल मत भेजिए) अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अगले दिन स्कूल जाए तो रात 10:00 बजे तक घर लौट आइए।
7. अपने बच्चे में पौधे लगाने और उनका ख्याल रखने की आदत का विकास कीजिए।
8. सोने के समय अपने बच्चों को पंचतंत्र, अकबर-बीरबल, तेनाली राम आदि की कहानी सुनाइए।
9. हर साल गर्मी की छुट्टी में (अपने बजट के अनुसार) कहीं घूमने जाइए। इससे वे अलग लोगों के साथ और अलग जगहों पर रहना सीखते हैं।
10. अपने बच्चे की प्रतिभा का पता लगाइए और उसे इसे निखारने में सहायता कीजिए (वह किसी विषय, संगीत, खेल, अभिनय, चित्रांकन, नृत्य आदि में दिलचस्पी रख सकता है)। इससे उसका जीवन आनंददायक हो जाएगा।
11. उसे सीखाइए कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए (कम से कम गर्म चीजें प्लास्टिक में उपयोग न करें) ।
12. प्रत्येक बच्चे जन्म से वैज्ञानिक होते हैं उनके पास ढेरों सवाल होते हैं मुमकिन है हम जवाब न दें पर जानकारी न होने के कारण हमें सवाल पर गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए। (उत्तर पता करने की कोशिश कीजिए औऱ उन्हें बताइए)
13. उन्हें अनुशासन और जीने के बेहतर तरीकों के बारे में बताइए। (सही गलत के बारे में समझाइए)
14. उनमे खुद पढ़ने और सीखने की आदत डालिए।
15. उन्हें मोबाइल फोन का उपयोग न करने दिया जाए, आवश्यक होने पर अपनी देखरेख में ही मोबाइल का उपयोग करने दिया जाए।
16. बच्चे को अपने काम में सहायता करने के लिए कहिए। (इसमें खाना बनाना, सफाई, चीजों को व्यवस्थित करना शामिल है।)
17. और सबसे महत्त्वपूर्ण कि हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी देने चाहिए ताकि वो जीवन में सफल और सही इन्सान बन सके। हमें अपने अनुभव के आधार पर अपने बच्चों का जीवन सुंदर और स्वस्थ बनाने में उनकी सहायता करना चाहिए |
बच्चों की उत्तम शिक्षा एवं सफलता के लिए समय-समय पर विद्यालय द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना कर विद्यालय परिवार का सहयोग करें |
धन्यवाद
प्राचार्य
के.वि.कोनसीवास,रेवाड़ी
Friday, 14 December 2018
REPORT OF BASELINE SURVEY CONDUCTED IN SEVEN VILLAGES OF
REWARI, HARYANA
INDIAN OIL CORPORATION LIMITED CSR PROJECT
http://www.csr.tiss.edu/wp-content/uploads/2017/06/IOCL-Baseline-Study-Report-Rewari.pdf